पर्यावरण बचाउ 
(बाल कविता) 
एक छल  राजा, एक  छलि रानी,
सुनने  होयब  कतोक  पिहानी
।
आइ   कहानी 
मे  नञि  राजा,
नहिञे   थिकीह  कोनहु 
रानी ।।
सुनू  आइ  एहने 
एक  खिस्सा,
जकर  पात्र  हम 
सभ  प्राणी ।
सुरूजक  धियापुता नवग्रह अछि,
धरा -  दुलारी - धी 
- रानी ।।
इएह माटिक उपजा छी हम सभ,
हम सभ इएह धरतीक सन्तान ।
एकरहि  छाती  चीरि 
उगैत’छि,
गहूम धान  आ  आम लताम ।।
ओकरहि हरियर - हरियर आँचर,
गाछ बिरिछ  पोषए अछि प्राण ।
माए थिकीह हम आओर कहू की,
करू की हुनि महिमा गुणगान ??
ई  धरती  अनुपम   छी  बौआ,
जिनगी   केर 
प्रत्यक्ष  ठेकान ।
आन  कतहु  एखनहु धरि दैय्या,
जिनगी तँ अछि  बस अनुमान ।।
आइ एखन धरि  जे बूझल अछि,
धरती   सभसँ  
अजगुत  छी ।
एहि धरती केर  जैवक्षितिज पर,
मनुखक  रचना  अद्भुत   छी ।।
पर  “अद्भुत”  केर 
अहङ्कार  मे,
अपनहि  नाश  करै 
छी   हम ।
ठोहि  पारि  विज्ञान 
कनै  अछि,
देखि  अपन  अनुचित 
उपक्रम ।।
हबा   बहै  अछि  
जहर   भरल,
आ पानि  प्रदूषित कलुषित अछि ।
कतेक   अनेरो    हल्ला
– गुल्ला,
माथ  मनुक्खक  बोझिल अछि ।।
अपन  माए  केर 
प्राण  बचाबी,
आउ   आइ   संकल्प   
करी ।
हाबा – पानि  आ  माटि 
बचाबी,
पर्यावरण    प्रशस्त     करी ।।
कम - सँ - कम   ततबा   रोपी,
जतबा  गाछी  हम 
नष्ट  करी ।
विज्ञानक    सद् - अर्थ    बुझी,
नञि अनुचित बूझि  अनर्थ करी ।।
हरेक साल २२ अप्रील कऽ अन्तर्राष्ट्रिय धरती माए दिवस (International Mother Earth Day) आ ०५ जून कऽ विश्व पर्यावरण दिवस  (World Environment Day) मनाओल जाइत अछि । 
पहिल अन्तर्राष्ट्रिय धरती माए दिवस १९७० ई॰ मे मनाओल गेल आ ताहि समय एकर नाँव छल विश्व धरा दिवस (World Earth Day) ।
पहिल विश्व पर्यावरण दिन  १९७३ ई॰ मे मनाओल गेल छल ।
पहिल अन्तर्राष्ट्रिय धरती माए दिवस १९७० ई॰ मे मनाओल गेल आ ताहि समय एकर नाँव छल विश्व धरा दिवस (World Earth Day) ।
पहिल विश्व पर्यावरण दिन  १९७३ ई॰ मे मनाओल गेल छल ।
डॉ॰ शशिधर कुमर
“विदेह”                              
“विदेह” पाक्षिक मैथिली इ – पत्रिका,   वर्ष – ५, मास – ५४,  अंक – १०८,  दिनांक -
१५ जून २०१२ , स्तम्भ –
बालानां कृते, मे प्रकाशित ।
 



 
 
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