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Wednesday 6 June 2012

पद्य - ६७ - विरह गीत


विरह गीत




                     किए भेलियै,
                      पिया ! अहाँ
                       एहेन कठोर ?
स्नेह सलिल केर बदला मे,  देल किए नोर ??




किए भेलियै,
पिया ! अहाँ
 एहेन कठोर ?
स्नेह सलिल केर बदला मे,  देल किए नोर ??



आयब शिघ्रहि, पिया जाइत कहलहुँ अहाँ ।
मुदा जानि ने,  कतऽ जाय बैसलहुँ अहाँ ।
चान एकसरि
अछि बैसल
   अहाँ बिनु चकोर ।
स्नेह सलिल केर बदला मे,  देल किए नोर ??



दिन  बीतल  अनेक,  मास  बीतल  कतेक ।
बीतल सरस बसन्त, आयल साओन केर मेघ ।
मेघ रहितहुँ
ने पिया आइ
   नचइछ मन मोर ।
स्नेह सलिल केर बदला मे,  देल किए नोर ??



किए अएलाह ने पिया, मोन कङ्गना पुछय ।
बन्न पिञ्जरा सनि, जेना ई अङ्गना लगय ।
भेल केहेन
ई राति जकर
    अबइछ ने भोर ?
स्नेह सलिल केर बदला मे,  देल किए नोर ??



भेल आन्हर ई नैन, बाट अहँ केर तकैत ।
उड़ि गेल मोर चैन,  याद अहाँ केँ करैत ।
भेल पाथर
जेना, पिया !
    बिहुँसय ने ठोर ।
स्नेह सलिल केर बदला मे,  देल किए नोर ??



की गेलियै बिसरि, अहाँ कोहबर केर राति ।
की यादहु ने अबइछ, ओ पावनि बरिसाति ।
कोना   बनलहुँ
 पिया   अहाँ
          एहेन    निशोख ?
स्नेह सलिल केर बदला मे,  देल किए नोर ??





विदेहपाक्षिक मैथिली इ पत्रिका, वर्ष ,  मास ५३ ,  अंक ‍१०६, ‍१५ मई २०१२ मे “स्तम्भ ३॰७”  मे प्रकाशित ।

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