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Tuesday 6 March 2012

पद्य - ४९ - सभ हीलि – मीलि कऽ गाउ


सभ हीलि – मीलि  कऽ गाउ
(गीत)

ढोल – डम्फा  बजाउ ।
जुनि  कनिञो लजाउ ।
आयल  होलीक  तिहार,  रंग – अबीर लगाउ ।।




  
सभ हीलि – मीलि  कऽ गाउ ।
खुशी  सरगम  सजाउ ।
आयल  होलीक  तिहार,  रंग – अबीर लगाउ ।।


आयल बसन्त, बहए मलयक बसात ।
प्रकृति कामिनी कयल सोलहो शिंगार ।
नृप *– आसन  लगाउ ।
घर – आङ्गन सजाउ ।
आयल  होलीक  तिहार,  रंग – अबीर लगाउ ।।


वृद्ध हो,  बालक हो,  युवा हो या युवती ।
सभमे जुआनी अछि, सभमे अछि मस्ती ।
ढोल – डम्फा  बजाउ ।
जुनि  कनिञो लजाउ ।
आयल  होलीक  तिहार,  रंग – अबीर लगाउ ।।


अवधपुरी  मे  खेलथि  लक्ष्मण,  सीता  केर  संग  होरी ।
मिथिलो मे अछि नामी सभतरि, दियऽर भाउजि केर जोड़ी ।
भौजी !  एम्हर  आउ ।
जुनि  घऽर मे नुकाउ ।
आयल  होलीक  तिहार,  रंग – अबीर लगाउ ।।




* नृप = ऋतुपति राज बसन्त




विदेहपाक्षिक मैथिली इ पत्रिका, वर्ष , मास ५१, अंक ‍१०१ , ‍०१ मार्च २०१२ मे “स्तम्भ ३॰७” मे प्रकाशित । 


2 comments:

  1. बहुत सुन्दर गीत..!!
    होरीक बहुत-बहुत शुभकामना...

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