बगुली
(बाल कविता)
बगुला कुल केर चिड़ै
अछैतहु,
ओ बगुलासँ भिन्न छै ।*१
देखबै बगुलहि संग जतऽ जे,
बास दुहुक अभिन्न छै ।।
बगुलापेक्षा छोट छै गर्दनि,
धऽर मुदा किछु छै भारी ।
देहक मूल रंग
उज्जर पर,
कारी - भूरा सनि धारी ।।*२
खाइत ईहो छै माछ
आ कीड़ा,
साँप बेङ्ग आ बेङ्गची ।
बगुले कुल केर
छै, छोट मुदा,
कहबइए ओ तेँ बगुली ।।*३
संकेत आ किछु
रोचक तथ्य -
*१ - मैथिलीमे “बगुला” केर स्त्रीलिङ्ग “बगुली” नञि थिक । दुहुमे
नर (पुरुष) आ मादा (स्त्री) जोड़ि पुलिङ्ग किंवा स्त्रीलिङ्गक निदेश कएल जाइत अछि
। अंग्रेजीक HERON आ EGRET मैथिलीमे “बगुला” कहबैत अछि जखनि
कि BITTERN “बगुली” । ई दुहु बगुला कुलक (Family - ARDEIDAE) सदस्य रहितहुँ
परस्पर किछु भिन्न अछि । Ixobrychus, Botaurus आ Zebrilus वंशसभक (GENERA) चिड़ैसभ “बगुली” केर अन्तर्गत
आबैत अछि ।
*२ - देह उज्जर रंगक होइत अछि पर बगुला सनि
नञि । बगुलीक गर्दनि पर भूरा-कारी सनि वा मटियाही धारी होइत अछि आ पंख सेहो उपरसँ
ओहने रंगक होइत अछि ।
*३ - बगुलहि कुल केर
मुदा ऊँचाईमे छोट होएबाक कारणेँ एकर नाम ‘बगुली” अछि ।
मैथिली पाक्षिक इण्टरनेट पत्रिका “विदेह” केर 197म अंक (01 मार्च 2016) (वर्ष 9, मास 99, अंक 197) केर “बालानां कृते” स्तम्भमे
प्रकाशित ।
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