कौआ आ
कारकौआ (बाल कविता)
का - का, का - का,
कोना करै छै, देखही बौआ ।
कारी रंगक
चिड़ै ई देखही,
कहबै कौआ ।।*१
देह - लोल छै
चमकैत कारी, सगरे “कौआ” ।
गर्दनि छाउरक रंग - सिलेटी, “घरैया कौआ” ।।
जकर अबाज छै कम कर्कश, से “घरैया कौआ” ।
पहिनुक तुलना कम भेटैछ आब “घरैया कौआ” ।।*२
जकर छै सौंसे देहे कारी, “बनैया कौआ” ।
एकर अबाज छी बड़ कर्कश, ई छी “कारकौआ” ।।
एकरे नाम छै “कागा” सेहो, इएह “कारकौआ” ।
आब तँऽ घर-आङ्गन
बेसी छी इएह कारकौआ ।।*३
व्यापक अर्थेँ काक
- काग विश्वक सभ कौआ ।*४
कोइली मूरुख बनाबए जकरा,
सएह ई कौआ ।।*५
संकेत आ किछु
रोचक तथ्य -
*१ - “कौआ” आ “मएना” ई एहेन चिड़ै अछि
जकरा अजुक अधिकांश नेना - भुटका सभ अपन जिनगीमे सभसँ पहिने प्रत्यक्ष रूपमे देखैत
अछि । पहिलुका सुचीमे “बगरा” सेहो आबैत छल पर
आब नञि ।
*२ - सभ कौआ केर देह
आ लोल चमकैत कारी रंगक होइत अछि । पर जकर गर्दनि छाउरक रंगक वा सिलेटी रंगक होइछ
से सामान्य मैथिली
भाषामे “कौआ” कहबैत अछि अधिक विशिष्ट रूपसँ ओकरा “घरैया
कौआ” (HOUSE CROW) कहि सकैत छियै ।
*३ - जँ उपरुका
कौआकेँ “घरैया कौआ” कहैत छी तँ जाहि
कौआ केर पुरा देहे कारी होइत अछि तकरा “बनैया कौआ” (JUNGLE CROW) कहि सकैत छी । सामान्य मैथिलीमे “बनैया कौआ” केर लेल “कागा” अथवा “कारकौआ” शब्द व्यवहृत
होइत अछि । पहिने घऽर - आङ्गन मे बेसीतर घरैया कौआ देखाइत छल पर आइ - काल्हि
कारकौआ बेसी भेटैत अछि जे कि पछिला किछु दशकमे घरैया कौआ केर घटैत संख्याँ केर
परिचायक थिक ।
*४ - व्यापक अर्थमे “कौआ” या “कागा” शब्दसँ विश्वक सभ तरहक
कौआक बोध होइत अछि चाहे ओ अंग्रेजीक कोनहु HOUSE
CROW हो, JUNGLE CROW हो, RAVEN हो, CARRION CROW हो या फेर JACKDOW किएक ने हो ।
*५ - “कौआ” ओएह चिड़ै अछि जे “कोइली” नामक चिड़ै लेल शिशु-भरण पोषक (BROODING HOST) केर भूमिका निमाहैत अछि ।
मैथिली पाक्षिक इण्टरनेट पत्रिका “विदेह” केर 197म अंक (01 मार्च 2016) (वर्ष 9, मास 99, अंक 197) केर “बालानां कृते” स्तम्भमे
प्रकाशित ।
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