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मिथिलाभाषाक (मैथिलीक) बोलीसभ

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Friday, 25 March 2016

पद्य - ‍१६‍३ - कौआ आ कारकौआ (बाल कविता)


कौआ आ कारकौआ (बाल कविता)




का - का, का - का, कोना करै छै, देखही बौआ ।
कारी  रंगक   चिड़ै  ई  देखही,  कहबै  कौआ ।।*

देह - लोल  छै  चमकैत  कारी, सगरे कौआ
गर्दनि  छाउरक  रंग - सिलेटी, घरैया कौआ ।।

जकर अबाज छै कम कर्कश, से घरैया कौआ
पहिनुक तुलना कम भेटैछ आब घरैया कौआ ।।*

जकर  छै  सौंसे  देहे  कारी,   बनैया कौआ
एकर अबाज छी बड़ कर्कश, ई छी कारकौआ ।।

एकरे नाम छै कागा सेहो,  इएह कारकौआ
आब तँऽ घर-आङ्गन बेसी छी  इएह कारकौआ ।।*

व्यापक अर्थेँ  काक - काग  विश्वक सभ कौआ ।*
कोइली मूरुख बनाबए जकरा,  सएह ई  कौआ ।।*




संकेत आ किछु रोचक तथ्य -

* - कौआमएना ई एहेन चिड़ै अछि जकरा अजुक अधिकांश नेना - भुटका सभ अपन जिनगीमे सभसँ पहिने प्रत्यक्ष रूपमे देखैत अछि । पहिलुका सुचीमे बगरा सेहो आबैत छल पर आब नञि ।

* - सभ कौआ केर देह आ लोल चमकैत कारी रंगक होइत अछि । पर जकर गर्दनि छाउरक रंगक वा सिलेटी रंगक होइछ से सामान्य मैथिली भाषामे कौआ कहबैत अछि अधिक विशिष्ट रूपसँ ओकरा घरैया कौआ (HOUSE CROW) कहि सकैत छियै ।

* - जँ उपरुका कौआकेँ घरैया कौआकहैत छी तँ जाहि कौआ केर पुरा देहे कारी होइत अछि तकरा बनैया कौआ (JUNGLE CROW) कहि सकैत छी । सामान्य मैथिलीमे बनैया कौआ केर लेल कागा अथवा कारकौआ शब्द व्यवहृत होइत अछि । पहिने घऽर - आङ्गन मे बेसीतर घरैया कौआ देखाइत छल पर आइ - काल्हि कारकौआ बेसी भेटैत अछि जे कि पछिला किछु दशकमे घरैया कौआ केर घटैत संख्याँ केर परिचायक थिक ।

* - व्यापक अर्थमे कौआ या कागा शब्दसँ विश्वक सभ तरहक कौआक बोध होइत अछि चाहे ओ अंग्रेजीक कोनहु HOUSE CROW हो,  JUNGLE CROW हो, RAVEN हो, CARRION CROW हो या फेर JACKDOW किएक ने हो ।

*- कौआ ओएह चिड़ै अछि जे कोइली नामक चिड़ै लेल शिशु-भरण पोषक (BROODING HOST) केर भूमिका निमाहैत अछि ।


मैथिली पाक्षिक इण्टरनेट पत्रिका विदेह केर ‍197म अंक (‍01 मार्च 2016) (वर्ष 9, मास 99, अंक ‍197) केर बालानां कृते स्तम्भमे प्रकाशित ।



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