खञ्जन
चिड़ै या खजिन चिड़ैञा आ सोन चिड़ैञा
(बाल
कविता)
“खजिन चिड़ैञा” भारत भरिमे,
आँखिक लेल प्रशिद्ध छै ।*१
बरखा ऋतुमे आबि शरद रहि,
गर्मी एतए निषिद्ध छै ।।*२
“खजिन चिड़ैञा” केर आँखिमे,
की एहेन से बात
छै ।
कारी आँखिक उपमा लए नञि,
आनहि कोनहु बात छै ।।*३
साहित्य मैथिली, हिन्दी, संस्कृत,
बङ्गाली वा आन कोनो ।
खञ्जन केर चञ्चल आँखिक छै,
दोसर ने उपमान कोनो ।।*३
कारी - उज्जर रंग चितकाबर,
बगरा सनि आकार छै ।
अपना दिशि एहने बेसी छै,
आनो मुदा प्रकार छै ।।*४
किछु नीलाभ पीताभ तँऽ आनक,
पीयर - भूरा रंग सेहो ।
बस जमीन पर, दौड़ैत देखब,
कूदैत ने देखब कहियो ।।*५
छाती - पेट जकर पीयर
हो,
तकर ‘पिनाकी’ नाम छै ।
“सोन चिड़ैञा” इएह
मैथिलीक,
एकर अलगसँ नाम छै ।।*६
चिर-परिचित खञ्जन छै प्रवासी,
साइबेरियामे धाम छै ।*७
सोन चिड़ैञा एतहि रहैत अछि,
सालो भरि आराम छै ।।*७
आँखि तँऽ चञ्चल छैहे ओक्कर,
नाङ्गरि सेहो चञ्चल छै ।
बैसल - बैसल नाङ्गरि डोलबए,
तखने बूझू खञ्जन छै ।।*८
संकेत आ किछु
रोचक तथ्य -
*१ - खजिन चिड़ैञा मैथिली, संस्कृत ओ आन भारतीय
साहित्यसभमे अपना आँखिक लेल खूब चर्चित अछि ।
*२ - अपना दिशि
वर्षा ऋतुक अन्तसँ लऽ कऽ शीतकाल धरि ई चिड़ै बेसी देखबामे आबैत अछि ।
*३ - सामान्य जन “खञ्जन आँखि” केर मतलब “कारी आँखि” बूझैत अछि जखनि कि से
बात नञि । साहित्यमे “खञ्जन
आँखि” केर उपमान “चञ्चल आँखि” केर रूपमे देल जाइत अछि
नञि कि कारी आँखिक लेल । “खञ्जन आँखि” केर मतलब ई नञि थिक कि खञ्जन केर आँखिक समान आँखि (जेना मृगनयन/नी मे होइछ) । “खञ्जन आँखि” केर मतलब थिक स्वयं खञ्जन चिड़ै सनि चञ्चल आँखि । खञ्जन
चिड़ै बहुत चञ्चल होइत अछि तुरत्तहि उड़ैत अछि, बैसैत अछि, जमीन पर उतड़ैत अछि,
फुदकैत अछि संगहि जखन कोनहु डाढ़ि पर बैसैत अछि तँऽ किछु तिरछा भऽ बैसल बूझि पड़ैत
अछि । एकर इएह प्रकृतिक कारण सुलभ होइतहुँ एकर छविकर्षण बड़ दुरूह काज थिक ।
*४ *७ - अपना दिशि जे चिड़ै खञ्जन
वा खजिन चिड़ैञा नामसँ प्रसिद्ध अछि से
चितकाबर रंगक होइत अछि जाहिमे मुख्यतः ३ टा जाति (SPECIES) आबैत अछि । अंग्रेजीमे एकरा “वैगटेल” (WAGTAIL) कहल जाइत अछि । अंग्रेजीक “वैगटेल” (WAGTAIL) केर अंतर्गत
मोटासिल्ला वंशक (Genus - MOTACILLA) सभ जातिक अतिरिक्त
आनहु किछु जातिसभ अबैत अछि पर मैथिलीमे प्रायः खजिन चिड़ैञा नाम मात्र Motacilla alba, Motacilla aguimp आ Motacilla madraspatensis धरि सीमित बूझि
पड़ैत अछि । ताहूमे जँ एहि बात पर जोड़ देल जाए कि “खजिन चिड़ैञा” केर आगमण वर्षा
ऋतुक अन्तमे होइत अछि आ ग्रीष्म ऋतुसँ पहिने ओ आपिस चलि जाइत अछि तँ मात्र “मोटासिल्ला अल्बा” (Motacilla alba) नामक चिड़ैकेँ
खजिन चिड़ैञा मानए पड़त कारण जे मात्र इएह टा चितकाबर रंगक जाति अछि जे वर्षा ऋतुक
अन्तमे रूसक साइबेरिया (अति शीत क्षेत्र) क्षेत्रसँ अपना ओहि ठाम आबैत अछि आ
ग्रीष्म ऋतुसँ पहिने आपिस ओत्तहि चलि जाइत अछि । MONIER - WILLIAMS SANSKRIT ENGLISH DICTIONARY मे सेहो मोटासिल्ला
अल्बा” (Motacilla alba) नामक चिड़ैकेँ खञ्जन
मानल गेल अछि ।
शरदमे एहि चिड़ै केर
आगमनकेँ आन रूपसँ सेहो देखल जा सकैत अछि । जे जाति भारतक मूल निवासी अछि आ प्रवासी
नञि अछि ओकर रहबाक स्थान, खोंता बनएबाक स्थान आदि पहिनेसँ तय रहैत अछि । जे
प्रवासी जाति अछि से एहि ठाम अएलाक बाद नऽव ढंगसँ रहबाक ओ खोंता लगएबाक लेल भागैत
- दौड़ैत बूझि पड़ैत अछि । ओकर बढ़ल संख्या ओ विचरणसँ ई आभास होइत अछि कि शरद
ऋतुमे अचानकहि “खजिन चिड़ैञा” केर आगमन भेल अछि
। एहि बातकेँ ध्यानमे रखैत हम निम्न ३ गोट जातिकेँ खजिन चिड़ैञाक रूपमे मानल अछि -
Ø
WHITE
WAGTAIL - Motacilla alba
Ø
AFRICAN PIED
WAGTAIL - Motacilla aguimp
Ø
WHITE BROWED
WAGTAIL / LARGE PIED WAGTAIL - Motacilla maderaspatensis
चितकाबर रंगक आधार पर
निम्न २ टा जातिकेँ सेहो सम्मिलित कएल जा सकैत अछि -
Ø
JAPANESE
WAGTAIL - Motacilla grandis
Ø
FOREST
WAGTAIL - Motacilla indica syn. Dendronanthus indicus
*५ - खजिन चिड़ैञा
वा अंग्रेजीक वैगटेल (WAGTAIL) नामसँ जाहि चिड़ै केर बोध
होइत अछि से सभ जमीन पर दौड़ि कऽ नञि चलैत अछि अपितु फुदकि - फुदकि कऽ चलैत अछि ।
*६ - अंग्रेजीक “वैगटेल” (WAGTAIL) केर अंतर्गत मोटासिल्ला वंशक (Genus - MOTACILLA) एहेन जातिसभ जकर
पेट आ वक्ष पीयर रंगक होइत अछि वा पीयर रंगक धब्बा होइत अछि से मैथिलीमे “सोन
चिड़ैञा” कहबैत अछि । “सोन चिड़ैञा” केर अन्तर्गत
निम्न जाति सभ आबैत अछि -
Ø
WESTERN
YELLOW WAGTAIL - Motacilla flava
Ø
EASTERN
YELLOW WAGTAIL - Motacilla tschutschensis
Ø
CITRINE
WAGTAIL - Motacilla citreola
Ø GREY WAGTAIL - Motacilla cinerea
*८ - खजिन चिड़ैञा हो अथवा सोन चिड़ैञा − अंग्रेजीमे वैगटेल कहबए बला सभ चिड़ै
बैसल - बैसल अपन नाङ्गरिकेँ सतत ऊपर - नीचाँ डोलबैत रहैत अछि । मात्र “बनैया खजिन चिड़ैञा” अपन नाङ्गरिकेँ ऊपर - नीचाँ नञि डोलाए दायाँ - बायाँ डोलबैत
अछि । तेँ एकर निम्न नाम सभ अछि -
Ø
डुलिका (संस्कृत)
- जे नाङ्गरि डोलबए
Ø
खञ्जन - जे पएरसँ
नाङ्गर (खञ्ज) मनुक्ख जेकाँ तिरछा बैसैत हो या जकर नाङ्गरि नाङ्गर (खञ्ज) मनुक्खक
पएर जेकाँ डोलैत हो ।
Ø
वैगटेल (WAGTAIL) (अंग्रेजी) - जे नाङ्गरि डोलबए (WAGGING TAIL)
Ø
मोटासिल्ला (MOTACILLA) (लैटिन) - जे नाङ्गरि डोलबए (MOTILE
CILA = MOVING TAIL)
कल्याणी
कोशक अनुसार -
खञ्जन = एक पक्षी
= WAGTAIL = Ericurus maculatus
खञ्जन = एक पक्षी = WAGTAIL एहि ठाम धरि तँऽ ठीक अछि परञ्च खञ्जन = Ericurus maculates बात उचित नञि बुझना जाइत अछि । Ericurus maculatus वास्तवमे FORKTAIL समूहक चिड़ै अछि WAGTAIL समूहक नञि आ
दुहु समूहक चिड़ैसभमे व्यापक अन्तर अछि ।
मैथिली पाक्षिक इण्टरनेट पत्रिका “विदेह” केर 197म अंक (01 मार्च 2016) (वर्ष 9, मास 99, अंक 197) केर “बालानां कृते” स्तम्भमे
प्रकाशित ।
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