घोरन
(बाल कविता)
चुट्टी सनि छी वा चुट्टी छी,
चुट्टीसँ किछु
भिन्नहु छी ।
चुट्टा सनि छी रूप मुदा,
संतोला रंगक ई छी ।।*१
आम या जामुन केर
गाछ पर,
रहइछ प्रायः
सोहरल ।
जखने केओ चढ़ैछ
गाछ पर,
ओकरा देहमे
लुधकल ।।
आमक गाछक पात
सीबि कऽ,
गोल - गोल खोंता
बनबए ।
चुट्टा सनि ई जीव
छी घोरन,
आ “घोरन छत्ता” बनबए ।।*२
अपना देशक वन्य
भागमे,
जन - जातिक आहार
थिकै ।
भुजिया चटनी बहुत
चहटगर,
अम्मत खटगर स्वाद
थिकै ।।*३
पात सीबैछ,
तेँ अंग्रेजीमे,
‘वीवर ऑण्ट’ छै नाम ओकर ।
‘ग्रीन’ माने जंगल सेहो
होइए,
‘ग्रीन ऑण्ट’ सेहो नाम ओकर ।।*४
संकेत आ किछु
रोचक तथ्य -
*१ - मोटा-मोटी जँ
देखी तँऽ घोरन सेहो चुट्टीएक (चुट्टीअहिक) प्रभेद छी, मुदा तथापि अपन विशिष्टताक
कारणेँ ई चुट्टीसँ फराक छी ।
*२ - आम, जामुन आदि
गाछक स्वस्थ पातकेँ सीबि (सिउबि) कऽ घोरन रहबाक लेल घऽर बनबैछ जकरा “घोरनक छत्ता” (COMB OF A WEAVER / GREEN ANT) कहल जाइत अछि । सिउब = सीअब वा सीयब; सिउबैछ = सीबैछ ।
*३ - अपना देशक
जनजातिय भागमे आ विश्वमे आन बहुतहु ठाम घोरनकेँ भूजि कऽ वा चटनी बनाए कऽ वा आन
तरहेँ खाएल जाइत अछि ।
*४ - पात सीबि कऽ
छत्ता बनएबाक कारण अंग्रेजीमे एकरा “वीवर अण्ट” (WEAVER
ANT) आ गाछ पर रहबाक कारण “ग्रीन अण्ट” (GREEN ANT) कहल जाइत अछि । एहि ठाम ग्रीन (GREEN) केर मतलब हरियर
रंग नञि अछि अपितु जंगल अछि ।
मैथिली
पाक्षिक इण्टरनेट पत्रिका “विदेह” केर 219म अंक (01 जनबरी 2017) (वर्ष 10, मास 110, अंक 219) केर “बालानां कृते” स्तम्भमे प्रकाशित ।