सतबहिनी
(बाल कविता)
मटियाही गात छै ।
दस - पाँच - सात छै ।
तेँ ओ कहाइत छै
सतबहिनी ।।*१
छोट छिन समाज छै
।
खाइत ओ अनाज छै ।
दाना चुगि खाइत
छै सतबहिनी ।।
देखने जरूर छी ।
चिन्हबासँ दूर छी
।
गुण ने विशेष
कोनहु सतबहिनी ।।
मैथिली कि अंग्रेजी ।
बंगाली या
हिन्दी ।
सभतरि कहाबैछ ओ
सतबहिनी ।।*२
संकेत आ किछु
रोचक तथ्य -
*१ - ई चिड़ै प्रायः
पाँच सँ सात धरिक छोट समूहमे रहैत अछि । तेँ एकर नाम सतबहिनी (सप्त = सात; शत =
सए) पड़ल ।
*२ - अंग्रेजीमे एकर
नाम सेवेन सिस्टर्स (seven
sisters) बंगाली भाषाक नाम “सातभाई” सँ पज़ल अछि — से बताओल जाइत अछि । मुदा ध्यातव्य जे पहिने
मिथिला सेहो अंग्रजक अनुसारेँ बंगाल प्रॉविन्सक भाग छल आ ग्रियर्शन महोदयक काजसँ
पहिने मैथिलीक स्वतन्त्र अस्तित्व अंग्रेजक डाटाबेसमे नञि छल । मिथिलामे ३, ५, ७, ११
आदि विषम संख्याक किछु अलगहि महत्तव रहल अछि; जेना कि - सतभैंया, पंचभैंया आदि ।
मैथिली
पाक्षिक इण्टरनेट पत्रिका “विदेह” केर 218म अंक (15 जनबरी 2017) (वर्ष 10, मास 109, अंक 218) केर “बालानां कृते” स्तम्भमे प्रकाशित ।
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