हम फूल बनब, हम काँट बनब
  (बालगीत)
हम  फूल  बनब,  हम काँट बनब ।
कोमलतम्,  टाँट  सँ  टाँट बनब ।।
नहि  ककरहु हम, अधिकार  हरब ।
नहि ककरहु  हम  पथविघ्न बनब ।
पर  अपन  प्रगति - पथ - रोड़ा लेऽ
हम  लोहक  दण्ड  समाठ  बनब ।। 
पानिक  संग  बनि कऽ माछ रहब ।
शत्रु  लेऽ  विषधर   साँप   बनब ।
सज्जन  लेऽ  शिव  अभिराम  सही,
दुर्जन  लेऽ  हर  विकराल  बनब ।।
मिथिला   केर   पारावार    हमर ।
मिथिला - भाषा   अधिकार   हमर ।
अछि  तुच्छ  एतए,  संसार  सगर ।
मिथिला - भाषा   सभसँ   मीठगर ।
आँखि   उठाओत   जे  एकरा  दिशि,
तकरा  लेऽ  चूल्हिक  आँच  बनब ।।
“विदेह” पाक्षिक मैथिली इ – पत्रिका, वर्ष – ४, मास – ४७, अंक – ९४, दिनांक - १५ नवम्बर २०११, “बालानां कृते” मे प्रकाशित ।
 


 
 
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