ढील आ
लीख (बाल कविता)
ढीलो रानी, ढीलो
रानी, कतऽ जाइ छी ।
सभ केओ मारलक तेँ
रूसल जाइ छी ।।
आब एहेन
फकड़ा पुरान भऽ गेलै ।
ढील ताकब बात अनजान भऽ गेलै ।।*१
साबुन एलै शैम्पू आ दबाई
बहुते ।
ढीलक करै
छै ओ बिदाई तुरुते ।।*१
ढील परजीवी छी
आ खून चूसए छै ।*२
माथक जे केश, तकर
जड़ि धऽ रहै छै ।।
धियापुता केश जे
साफ ने करए छै ।
ओकरहि केशमे
ढील सोहड़ै छै ।।
ढील केर
अण्डा ओ
ढील केर बच्चा ।
मैथिलीमे लीख छै
आ संस्कृतमे लिक्षा ।।*३
संकेत आ किछु
रोचक तथ्य -
*१ - पहिने धियापुता जखन स्थिर भऽ माथमे ढील ताकए नञि दैत छलै तँऽ तकनिहारि दाइ-माए
लोकनि एहने फकड़ा सभ सुनाए परतारि कऽ ढील ताकै जाइ छलखिन्ह (-थिन्ह) । आब बहुविध
मेडिकेटेड साबुन, शैम्पू आ किछु गोटी ढील मारबाक लेल सद्यः रामबाण जेकाँ काज करैछ
तेँ ढील तकबाक प्रथा आ ओहि संगहि एहेन फकड़ा सभ बहुत कम भऽ गेल अछि । पर गाम-घरमे
एखनहु से भेंटि जाएत ।
*२ - परजीवी = PARASITE; रक्तचूसक परजीवी = SANGUIVOROUS
PARASITE
*३ - ढील (मैथिली) = (संस्कृत) = जूँ
(हिन्दी) = HEAD LICE / HEAD LOUSE (अंग्रेजी), तथा
लीख (मैथिली) = लिक्षा (संस्कृत) = OVUM (Sing.) / OVA (Pl.) & LARVA (Sing.) / LARVAE
(Pl.)
/ NYMPH OF HEAD
LICE / HEAD LOUSE (अंग्रेजी)
ढील एकटा परजीवी (PARASITE) थिक । ओ मनुक्खक माथमे रहैत अछि आ
मनुक्खक खून चूसि मात्र ओएह पर जीवैत अछि, तेँ ओ रक्तचूसक
परजीवी (SANGUIVOROUS
PARASITE) भेल । ढील केर मात्र एक्कहिटा ज्ञात पोषक अछि तेँ ओ मनुक्खक
लेल अधिबद्ध या अविकल्पी पजीवी (OBLIGATE PARASITE) आ मनुक्ख ढीलक लेल अधिबद्ध या अविकल्पी पोषक (OBLIGATE HOST) भेल । आन परजीवी
कीड़ासभ जेकाँ ढीलकेँ बहुत मजगूत टांग या पाँखि नञि होइत अछि तेँ ओ एकसँ दोसर
मनुक्खमे मात्र माथक सीधा सम्पर्कसँ (DIRECT HEAD
TO HEAD CONTACT) - जेना कि सूतए काल, एक्के कंघीक प्रयोग कएलासँ - पसरैत अछि ।
मैथिली पाक्षिक इण्टरनेट पत्रिका “विदेह” केर 194म अंक (15 जनबरी 2016) (वर्ष 9, मास 97, अंक 194) केर “बालानां कृते” स्तम्भमे
प्रकाशित ।
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