मोहखा
या मोखा (बाल कविता)
खेतमे आ
बाड़ी - झाड़ीमे ।
पड़ती - गाछी -
बँसबिट्टीमे ।
कूदए - फानए एक
चिड़ै ।।
बेशी ओकरा उड़ल
ने होइछ ।
कूदए - फानए -
कने उड़ैछ ।
लाल
आँखिबाला ओ चिड़ै ।।
देह आ नाङ्गरि
कारी - कारी ।
कौआ सनि केर
बूझू कारी ।
लाल
पाँखिबाला ई चिड़ै ।।
कीड़ा - मकोड़ा
डोका गिरगिट ।
बेङ्ग साँप भूआ आ
की - की !
खा कऽ पेट भरैछ ओ चिड़ै ।।
एतबहिसँ ने
पेट भरैत छै ।
अण्डा - चुज्जा
फऽड़ ठुसैत छै ।
ताड़ -
खजूरक शत्रु चिड़ै ।।
सौंसे
भारतमे भेटैत अछि ।
पर्वत पठार मैदान
फिरैतछि ।
“मोहखा या मोखा” जे चिड़ै ।।
संकेत आ किछु
रोचक तथ्य -
कुक्कू (CUCKOO) गण आ परिवार (Order -
Cuculiformes & Family - Cuculidae) केर सदस्य
होइतहुँ मोहखा एहि परिवारक आन सदस्यसभ सनि शिशुभरण-परजीवी
(BROOD PARASITE) नञि अछि । ओ अपन खोंता बनबैत अछि, अपन अण्डाकेँ अपने सेअइत
अछि आ बच्चाक देखभाल सेहो अपनहि करैत अछि । एहि परिवारक आन बहुत रास सदस्य जेना कि
कोइली, पपीहा, चातक आदि शिशुभरण-परजीवी (BROOD PARASITE) होइत अछि ।
मैथिली पाक्षिक इण्टरनेट पत्रिका “विदेह” केर 194म अंक (15 जनबरी 2016) (वर्ष 9, मास 97, अंक 194) केर “बालानां कृते” स्तम्भमे
प्रकाशित ।
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