साही
(बाल कविता)
साहीक काँट तँऽ
सुनने हएबहक ।
सुनने की - देखने
सेहो हएबहक ।
साहीक काँटमे
“साही” की ??
“साही” मूस -
गणक छी प्राणी ।*१
मूससँ बहुते
पैघ - से जानी ।
सौंसे देहे
“काँट” बुझी ।।
दिन भरि बियरिमे रहैत
अछि ।
बाहर रातिएमे निकसैत अछि ।*२
रक्षा-कवच ई “काँट”
कही ।।
कारी - उज्जर काँट छियै
।*३
उपनयनहुमे काज छियै
।*४
पहिलुक लेखनी इहो
बुझी ।।*५
संकेत आ किछु
रोचक तथ्य -
*१ - मूस आ साही −
दुहु एक्कहि कुलक सदस्य अछि । ओहि कुलक नाम अछि रॉडेण्शिया (RODENTIA) ।
*२ - ई बिलेशय
प्राणी अछि आ माटिक नीचाँमे बिलमे रहैत अछि । संगहि रातिचर (NOCTURNAL) प्राणी सेहो अछि
।
*३ - साहीक काँट (QUILS / SPINES) परिवर्तित रोइयाँ (MODIFIED HAIR) थिक जकर रूप-रंग ओ आकार साहीक प्रकार तथा सहीक वयस पर निर्भर करैछ ।
*४ - उपनयनमे
शिखा-विभाजनक विधमे (बरुआक टीककेँ ३ भागमे बँटबाक बिधमे) साहीक काँटक काज पड़ैछ ।
*५ - पहिने अपना
दिशि भीत (माटिक देबाल) पर चित्र बनएबा काल चित्रक खाका (OUTLINE / ROUGH DIAGRAMME) बनएबा हेतु सेहो प्रयुक्त होइत छल ।
यूरेसिया (यूरोप आ एसिया) तथा अफ्रिका महादेशकेँ पुरना दुनिञा (OLD WORLD) आ उतरबारी तथा दछिनबारी अमेरिका महादेशकेँ नवका दुनिञा (NEW WORLD) कहल जाइत अछि । साहीक जे जाति (SPECIES) जाहि ठामक मूल निवासी अछि ताहि अनुसारेँ ओकरा सभकेँ पुरान दुनिञाक साही (OLD WORLD PORCUPINES - ORDER
HYSTRICIDAE) आ नऽव दुनिञाक साही (NEW WORLD PORCUPINES - ORDER
ERETHIZONTIDAE) कहल जाइत अछि । साही
रहितहुँ दुनु समूहमे बहुत बेसी अन्तर अछि ।
मैथिली
पाक्षिक इण्टरनेट पत्रिका “विदेह” केर 204म अंक (15 जून 2016) (वर्ष 9, मास 102, अंक 204) केर “बालानां कृते” स्तम्भमे प्रकाशित ।
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