Pages

मिथिलाक पर्यायी नाँवसभ

मिथिलाभाषाक (मैथिलीक) बोलीसभ

Powered By Blogger

Friday, 3 June 2016

पद्य - ‍१८‍१ - सुगवा सीकी या सीकी सुगना या सुगवा कीड़ीखौक (बाल कविता)

सुगवा सीकी या सीकी सुगना या
      सुगवा कीड़ीखौक (बाल कविता)






देखियौ बाबू  !  सुग्गा हउए,
सुग्गा  नञि  छी - बौआ रे !
सुग्गे सनि केर रंग लागै छै,
पर नञि सुग्गा - दैय्या गे !! *

हरियर सुग्गा पाँखिक सनि आ,
फेंटल किछु  आनहु हरियर ।
आन रंग  ककरहु छै  फेंटल,
आन  छटा केर छै हरियर ।।*

एक्कर नाङ्गरि गौरसँ देखियौ,
सीकी सनि किछु बहकल छै ।*
सुग्गा  पाँखिक  रंगक  बेशी,
सुगवा सीकी  कहबै  छै ।।

बाधमे, चऽड़मे, ठूँठ गाछ पर,
बिजलीक ताड़ पर छै बैसल ।
खन उड़ि-उड़ि धरती पर आबै,
खनहि ओतहि देखब बैसल ।।

कीड़ा आओर मकोड़ा खाइतछि,
तेँ कूदि  धरती पर  आबैछ ।
मधुमाछी, बिढ़नी आ फतिंगी,
सभकेँ  लोलसँ  धऽ दाबैछ ।।*

पर सभसँ बेशी रुचैत अछि,
खाएमे  एकरा मधुमाछी
अंग्रेजीमे   नामे   एक्कर,
पड़लै  भक्षक मधुमाछी ।।*

लोल लाल  सुग्गा केर सुन्नर,
फलाहार  केर  लेल  बनल ।
एकर लोल  छै  कारी - कारी,
एकर आहारक योग्य बनल ।।*




संकेत आ किछु रोचक तथ्य -

* - सुगवा सीकी (BEE EATER) नामक चिड़ै केर जे जाति (SPECIES) अपना दिशि पाओल जाइत अछि तकर पाँखिक रंग अपना दिशि पाओल जाय बला सुग्गाक पाँखिक रंग सनि होइत अछि । एकर इएह रंगक कारण एकर मैथिली नाममे सुगवा / सुगना / सुग्गा उपसर्ग वा प्रत्यय (PREFIX / SUFFIX) केर रूपमे लागल अछि । मैथिलीअहि नञि, आनहु भाषा - जेना कि मराठी भाषामे एकर एकटा पर्यायी नाम पाणपोपट अछि, जकर अर्थ भेल पात केर बनल सुग्गा या पात सनि हरियर सुग्गासंस्कृतपत्रिंगा (पत्र = पत्ता या पात) केर सेहो एहने सनि अर्थ अछि जखनि कि मैथिली आ हिन्दीमे प्रयुक्त पतरेंगापतरिंगा एकरहि तद्भव रूप अछि ।

* - अपना दिशि बहुतायतमे जे सुगवा-सीकी चिड़ै (BEE EATERS / BEE EATER BIRDS) भेटैत अछि तकर गर्दनि आ धऽरक रंग सुगापंखी हरियर होइत अछि जखनि कि माथक रंग नारंगी-हरियर जखनि कि मूँहक निचलुका रंग हरिताभ नील (हल्का फिरोजी सनि) होइत अछि । एकर नाम तेँ हरियर सुगवा सीकी वा सुगापंखी सुगवा सीकी (GREEN BEE EATER / LITTLE GREEN B. E. / ORIENTAL G.B.E.) कहि सकैत छी । सुगवा सीकीक आन जाति सभमे सेहो हरियर रंग अवश्ये रहैत अछि पर हरियरक आभा बदलैत जाइत अछि ओ नीलाभ-हरियर भऽ जाइत अछि । हरियरमे नील रंगक मात्राक अनुसारें ओकर रंग गाढ़ हरियर वा नील हरियर भऽ जाइत अछि । यूरोप ओ अफ्रिकामे पाओल जाए बला जातिमे नारंगी ओ पीयर रंगक प्रमाण सेहो बढ़ि जाइत अछि ।

* - एहि चिड़ै केर नाङ्गरिसँ दू टा सीकी सनि पातर संरचना निकलल रहैत अछि । एहि चिड़ै केर जे प्रजाति अपना दिशि बेशी भेटैत अछि से सुगापंखी रंगक होइत अछि । तेँ सम्भवतः एकर नाम सुगवा सीकी या सीकी सुगना अछि । 

* - ई चिड़ै हवामे उड़ैत कीड़ा - मकोड़ा, चुट्टी, बिढ़नी, पचहिया आ मधुमाक्षी(-छी) सभकेँ पकड़ि लोलमे दाबि गीरि (खाए) जाइत अछि । तेँ एकर नाम सुगवा कीड़ीखौक सेहो पड़ल होयत ।

*- एकर प्रतिदिनक आहारक बीस प्रतिशतसँ (20%) छियानबे प्रतिशत (96%) धरि चुट्टी, बिढ़नी, पचहिया आ मधुमाक्षी (HYMENOPTERANS) भऽ सकैत अछि । ताहूमे मधुमाक्षी(-छी) (Apis dorsata) एकरा विशेष प्रिय अछि । तेँ अंग्रेजीमे एकर नाम बी ईटर (BEE EATER) छैक जकर शाब्दिक अर्थ मधुमाक्षी(-छी) भक्षक होइत छैक ।

*- सुग्गा आ एहि चिड़ै केर लोलमे बहुत पैघ अन्तर होइत छै । सुग्गा पुर्णतः फलाहारी (FRUGIVOROUS) चिड़ै अछि आ तेँ ओकर लोल ओहि तरहेँ बनल अछि । सुगवा-सीकी चिड़ै केर आहार ऊपर वर्णित अछि आ तेँ ओकर लोल ओही तरहक बनल छै ।




मैथिली पाक्षिक इण्टरनेट पत्रिका विदेह केर ‍203म अंक (‍01 जून 2016) (वर्ष 9, मास 102, अंक ‍203) केर बालानां कृते स्तम्भमे प्रकाशित ।




No comments:

Post a Comment