सुगवा
सीकी या सीकी
सुगना या
सुगवा
कीड़ीखौक (बाल कविता)
देखियौ बाबू ! सुग्गा हउए,
सुग्गा नञि छी - बौआ रे !
सुग्गे सनि केर
रंग लागै छै,
पर नञि सुग्गा -
दैय्या गे !! *१
हरियर सुग्गा
पाँखिक सनि आ,
फेंटल किछु आनहु हरियर ।
आन रंग ककरहु छै
फेंटल,
आन छटा केर छै हरियर ।।*२
एक्कर नाङ्गरि
गौरसँ देखियौ,
सीकी सनि किछु
बहकल छै ।*३
सुग्गा पाँखिक
रंगक बेशी,
“सुगवा सीकी” कहबै छै ।।
बाधमे, चऽड़मे,
ठूँठ गाछ पर,
बिजलीक ताड़ पर
छै बैसल ।
खन उड़ि-उड़ि
धरती पर आबै,
खनहि ओतहि देखब
बैसल ।।
कीड़ा आओर मकोड़ा
खाइतछि,
तेँ कूदि धरती पर
आबैछ ।
मधुमाछी, बिढ़नी
आ फतिंगी,
सभकेँ लोलसँ
धऽ दाबैछ ।।*४
पर सभसँ बेशी
रुचैत अछि,
खाएमे एकरा “मधुमाछी” ।
अंग्रेजीमे नामे
एक्कर,
पड़लै “भक्षक मधुमाछी” ।।*५
लोल लाल सुग्गा केर सुन्नर,
फलाहार केर
लेल बनल ।
एकर लोल छै
कारी - कारी,
एकर आहारक योग्य
बनल ।।*६
संकेत आ किछु
रोचक तथ्य -
*१ - सुगवा सीकी (BEE EATER) नामक चिड़ै केर जे जाति (SPECIES) अपना दिशि पाओल
जाइत अछि तकर पाँखिक रंग अपना दिशि पाओल जाय बला सुग्गाक पाँखिक रंग सनि होइत अछि
। एकर इएह रंगक कारण एकर मैथिली नाममे “सुगवा /
सुगना / सुग्गा” उपसर्ग वा प्रत्यय (PREFIX
/ SUFFIX) केर रूपमे लागल
अछि । मैथिलीअहि नञि, आनहु भाषा - जेना कि मराठी
भाषामे एकर एकटा पर्यायी नाम “पाणपोपट” अछि, जकर अर्थ
भेल “पात केर बनल
सुग्गा” या “पात सनि हरियर
सुग्गा” । संस्कृतक “पत्रिंगा” (पत्र = पत्ता या
पात) केर सेहो एहने सनि अर्थ अछि जखनि कि मैथिली आ हिन्दीमे प्रयुक्त पतरेंगा आ पतरिंगा
एकरहि तद्भव रूप अछि ।
*२ - अपना दिशि
बहुतायतमे जे सुगवा-सीकी चिड़ै (BEE EATERS / BEE EATER BIRDS) भेटैत अछि तकर गर्दनि आ धऽरक रंग सुगापंखी हरियर होइत अछि
जखनि कि माथक रंग नारंगी-हरियर जखनि कि मूँहक निचलुका रंग हरिताभ नील (हल्का
फिरोजी सनि) होइत अछि । एकर नाम तेँ हरियर सुगवा
सीकी वा सुगापंखी सुगवा सीकी
(GREEN BEE EATER / LITTLE GREEN B.
E. / ORIENTAL G.B.E.) कहि सकैत छी ।
सुगवा सीकीक आन जाति सभमे सेहो हरियर रंग अवश्ये रहैत अछि पर हरियरक आभा बदलैत
जाइत अछि ओ नीलाभ-हरियर भऽ जाइत अछि । हरियरमे नील रंगक मात्राक अनुसारें ओकर रंग
गाढ़ हरियर वा नील हरियर भऽ जाइत अछि । यूरोप ओ अफ्रिकामे पाओल जाए बला जातिमे
नारंगी ओ पीयर रंगक प्रमाण सेहो बढ़ि जाइत अछि ।
*३ - एहि चिड़ै केर
नाङ्गरिसँ दू टा सीकी सनि पातर संरचना निकलल रहैत अछि । एहि चिड़ै केर जे प्रजाति
अपना दिशि बेशी भेटैत अछि से सुगापंखी रंगक होइत अछि । तेँ सम्भवतः एकर नाम “सुगवा सीकी” या “सीकी सुगना” अछि ।
*४ - ई चिड़ै हवामे
उड़ैत कीड़ा - मकोड़ा, चुट्टी, बिढ़नी, पचहिया आ मधुमाक्षी(-छी) सभकेँ पकड़ि लोलमे
दाबि गीरि (खाए) जाइत अछि । तेँ एकर नाम “सुगवा कीड़ीखौक” सेहो पड़ल होयत ।
*५ - एकर प्रतिदिनक
आहारक बीस प्रतिशतसँ (20%) छियानबे प्रतिशत (96%) धरि चुट्टी,
बिढ़नी, पचहिया आ मधुमाक्षी (HYMENOPTERANS) भऽ सकैत अछि । ताहूमे
मधुमाक्षी(-छी) (Apis
dorsata) एकरा विशेष प्रिय अछि ।
तेँ अंग्रेजीमे एकर नाम “बी ईटर” (BEE EATER) छैक जकर शाब्दिक अर्थ “मधुमाक्षी(-छी) भक्षक” होइत छैक ।
*६ - सुग्गा आ एहि चिड़ै केर लोलमे बहुत पैघ अन्तर होइत छै ।
सुग्गा पुर्णतः फलाहारी (FRUGIVOROUS) चिड़ै अछि आ तेँ ओकर लोल
ओहि तरहेँ बनल अछि । सुगवा-सीकी चिड़ै केर आहार ऊपर वर्णित अछि आ तेँ ओकर लोल ओही
तरहक बनल छै ।
मैथिली पाक्षिक इण्टरनेट पत्रिका “विदेह” केर 203म अंक (01 जून 2016) (वर्ष 9, मास 102, अंक 203) केर “बालानां कृते” स्तम्भमे
प्रकाशित ।
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