कबार
(बाल कविता)
छी कंकूर -
सहोदर, पर हम
ओकरासँ किछु
छोट छी ।
नाङ्गरि पातर छोट-क्षीण
मोर,
ओक्कर तँऽ
चौकोर छी ।।*१
कंकूरहि सनि
लोल हमर,
आ देहक
कारी रंग छी ।
माथ सेहो
एकवर्णी कारी,
लाल ने ओक्कर
रंग छी ।।*२
सालक किछु एहनहु महीना,
लोहाक बीझ सनि रंग
हमर ।
देहक चमक बढ़ल - बदलल,
हरियर-कारी छी
पंख हमर ।।*३
कंकूरक सनि भलहि
लोल छी,
अलगहि पर सब ढंग
हमर ।
हम नञि भेटब
दूर चऽड़मे,
पानिक
श्रोतक संग हमर ।।*४
संकेत आ किछु
रोचक तथ्य -
*१ - करांकुलक
अंग्रेजी नाम BLACK NAPED
IBIS अछि आ कबारक GLOSSY IBIS, तेँ दुहुमे
बहुत नजदीकक सम्बन्ध अछि । तथापि, दुहुमे बहुत किछु भिन्नता सेहो अछि आ तेँ
प्राणीशास्त्रक वर्गीकरणमे सेहो दुहु अलग - अलग वंशक चिड़ै अछि । करांकुलसँ कबारक
आकार छोट होइत अछि । करांकुलक नाङ्गरि चौकोर होइत अछि जखनि कि कबारक अपेक्षाकृत कम
चौकोर ओ छोट ।
*२ - कबारक
आकार-सुकार देखबामे करांकुलहि सनि लागैत अछि । लोलक आकृति सेहो कंकूरहि सनि रहैछ ।
पर, कबारक माथक ऊपरमे कंकूर जेकाँ लाल रंग नञि रहैत अछि ।
*३ - सालक किछु
महीना एहन होइत अछि जाहिमे कबारक देहक रंग भूरा-कारीसँ बदलि बीझायल लोहाक रंगक (RUSTY COLOUR) आ चमकयुक्त (GLOSSY) भऽ जाइत अछि ।
दुहु पंखक रंग बदलि कऽ कजरी सनि गाढ़ चमकैत हरियर भऽ जाइत अछि ।
*४ - करांकुलक
विपरीत कबार जलाशयक आस-पासक क्षेत्रमे भेटैत अछि । पानिक श्रोतसँ बेसी दूर ई चिड़ै
नञि देखाइ दैछ ।
मैथिली
पाक्षिक इण्टरनेट पत्रिका “विदेह” केर 204म अंक (15 जून 2016) (वर्ष 9, मास 102, अंक 204) केर “बालानां कृते” स्तम्भमे प्रकाशित ।
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