लुक्खी
(बाल कविता)
छोट जीव, बड़ मोट
छै नाङ्गरि,
पर ओ खिखीर नञि
छै ।
अपना दिशि
सौंसे भेटैत छै,
बाड़ल कत्तहु
नञि छै ।।
पैघ छै
पछिला टाङ्ग दुहु,
अगिला बड़ छोट
रहै छै ।
छोटकी कंगारू सनि
लागए,
पर कंगारू नञि छै
।।*१
फऽल - फूल - दाना खाइए,
ने घास - पात रूचै छै ।
अगिला
पएरकेँ हाथ बना ओ,
फऽल - फूल पकड़ै छै ।।*२
भूरा रंगक
देह ओकर,
वा रंग जेना मटियाही ।
पाँच या तीन टा
भेटत पीठेँ,
उज्जर - उज्जर
धारी ।।*३
टी - टी, टी - टी
ध्वनि तीव्र,
ओ बेर - बेर करै छै ।
संगहि नाङ्गरि
उठा कऽ ऊपर,
हावामे ओ डोलबै छै ।।*४
आबहु ने
चिन्हलहुँ तँऽ कहै छी,
“लुक्खी” ओ कहबै छै ।
धारीबाला भारतमे आ,
आस - पड़ोस भेटै
छै ।।
विश्वमे सौंसे
पसरल लुक्खी,
बहुत प्रकारक होइ
छै ।
रंग जे हो, पर
पीठ पर धारी,
अन्तऽ नञि भेटै
छै ।।*५
संकेत आ किछु
रोचक तथ्य -
*१ - कंगारू ऑस्ट्रेलियामे
पाओल जाय बला एकटा जीव अछि । विदेशी जीव रहितहुँ आइ - काल्हिक बच्चासभ ओकरासँ खूब
परिचित रहैत अछि - कारण थिक, आजुक पोथीसभ (“K” for KANGAROO), क्रिकेट नामक खेलक
प्रचलन आ श्रव्य ओ दृश्य मिडिया पर कंगारूक विशेष चर्च । “कंगारू”, “जिराफ” आदि शब्द मैथिलीमे विदेशज शब्द भेल । मैथिली सेहो ओहि तरहक
शब्दसभकेँ ठीक ओहिना आत्मसात कएने अछि जेना कि हिन्दी ओ आन भारतीय तथा विदेशी
भाषासभ ।
*२ - एहि जीवक अगिला
दुहु पएर छोट - छोट होइत छै जकर उपयोग ओ खएबा काल कोनहु बस्तुकेँ पकड़बाक लेल करैत
अछि ।
*३ - प्रायः उतरबारी
भारतमे भेटए बला लुक्खीक (NORTH INDIAN
PALM SQUIRREL; Funambulus pennantii) पीठ पर पाँच टा उज्जर रेखा (धारी) होइत अछि जखनि कि दक्षिनबारी भारतक लुक्खीक (SOUTH INDIAN PALM SQUIRREL; Funambulus palmarum) पीठ पर तीन टा ।
*४ - ई जीव (लुक्खी)
बैसल - बैसल “टि - टि” केर एक टा विशिष्ट ध्वनि निकालैत अछि आ संगहि अपन
नाङ्गरिकेँ ऊपर उठाए हवामे झुलबैत रहैत अछि ।
*५ - मात्र भारतीय
लुक्खीक पीठ उज्जर धारीसँ युक्त होइत अछि । विश्वमे भेटए बला आन लुक्खीक पीठ पर
धारी नञि रहैत अछि ।
मैथिली पाक्षिक इण्टरनेट पत्रिका “विदेह” केर 203म अंक (01 जून 2016) (वर्ष 9, मास 102, अंक 203) केर “बालानां कृते” स्तम्भमे
प्रकाशित ।
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