मधुमाक्षी या मधुमाछी (बाल कविता)
मधुमाक्षी हम मऽध बनाबी, सब जनैत छी अपने ।
मऽध अहाँ जे खाए रहल छी,
अपना लए रही रखने ।।*१
छत्ता हऽम छी लगबैत कोनहु, ऊँच भवन या गाछ पर ।
जोगबी, मोम आ मऽध बनाबी,
सर्दीमे देत काज बड़ ।।*१
हम नञि छी मरखाह,
अनेरो नञि काटैत छी ककरो ।
होइ छी हम खिसियाह,
जखन खतड़ा बुझाइए हमरो ।।*२
हमरा कटला पर
बौआकेँ, याद आबै छन्हि नानी ।
मजबूरी छल तेँ कटलहुँ, हम मरब
अवश्ये जानी ।।*२
हम्मर छत्ता बहुत पैघ, बिढ़नी
- छत्ता केर आगाँ ।
हर कोठरी छी बनल मोमसँ, कागत
केर ने खाका ।।*३
हमरो ओहिठाँ बड़
मजूर, किछु नर आ एकटा रानी ।
आँच जँ रानी या
छत्ता पर, हो मजूर
बलिदानी ।।*४
मऽध बहुत अनमोल, मजूरक
मेहनति केर छी सत्त्व ।
ई तँऽ अछि सद्यः अमृत,
रखने सभ पोषक तत्त्व ।।
आइ कतेको ठाम हमर, होइए व्यावसायिक पालन ।
दूध आ अण्डा सनि हमहूँ, छी करैत मऽध उत्पादन ।।*५
संकेत
आ किछु रोचक तथ्य -
*१ - मधुमाक्षी द्वारा मऽध वस्तुतः शीतकालीन वा
आपातकालीन खाद्य भण्डारक रूपमे सञ्चित कएल जाइत अछि । आन कीड़ासभ (ARTHROPODS) जेकाँ मधुमाक्षी सेहो शीतरक्तीय प्राणी (COLD BLOODED / POIKILOTHERMIC ORGANISMS) अछि मतलब कि ओकर शरीरक भीतरी तापमान
मनुक्ख जेकाँ नियत (CONSTANT) नञि रहैत अछि आ वातावरणक तापमानक संग
घटैत-बढ़ैत रहैत अछि । वातावरणक तापमान 10°C (=50°F)सँ नीचाँ खसला पर मधुमाक्षी उड़ान नञि भरैछ
आ छत्ताक केन्द्रिय भागमे जमा भऽ जाइछ । एहि तरहक घटनाकेँ शीत समूहन (WINTER CLUSTERING) आ एहि तरहें एकत्रित भेल मधुमाक्षीक समूहकेँ
शीत-समूह (WINTER
CLUSTER) कहल जाइत अछि । शीत समूहित श्रमिक मधुमाक्षी अपन
शरीरमे सिहरन या कम्पन (SHIVERING) कऽ कऽ ऊष्मा (गर्मी) उत्पन्न करैछ
जाहिसँ छत्ताक आन्तरिक भागक तापमान 27°C (=81°F) धरि बनल रहैछ
। एहि विकट समयमे आहार ओ तत्पश्चात कम्पनसँ ऊष्माक उत्पत्ति लेल छत्ताक सभ
मधुमाक्षी छत्तामे पुर्वसञ्चित मऽधहि पर आश्रित रहैछ । एहि प्रकारेँ मधुमाक्षी
आपातकालमे भोजन व ताप-नियण्त्रणक लेल एहि सञ्चित मऽध केर उपयोग करैत अछि ।
*२ - मधुमाक्षी बिढ़नी आ पचहिया जेकाँ अनेरहु मरखाह
प्रवृत्तिक (OVER-AGGRESSIVE NATURE) नञि होइत अछि । जखन मधुमाक्षीक छत्ता या समूहक रानी
पर मनुक्ख वा कोनहु आन जीवसँ (जेना कि - बिढ़नी, पचहिया, घियारी कीड़ी, आन दलक
घुसपैठिया रानी मधुमाक्षी) खतड़ाक आभास होइत अछि तखनहि प्रायः मजूर-मधुमाक्षी ओकरा
काटैत (BEE STINGS) अछि । ककरहु
काटलाक बाद काटनिहारि मधुमाक्षीक विष-ग्रण्थि सहित दंश-शुण्डिका (STING & ASSOCIATED VENOM SAC) ओकर शरीरसँ टूटि कऽ अलग भऽ जाइत अछि आ
काटनिहारि मधुमाक्षीक तत्काल मृत्यु भऽ जाइछ ।
*३ - बिढ़नी ओ पचहिया आदिक छत्ता ओकर लेरसँ सानल
अर्धपाचित काठसँ बनल रहैत अछि जकर मुख्य रासायनिक घटक सेल्युलोज (CELLULOSE) होइत अछि । इएह घटक कागज/कगाद (PAPER) केर सेहो होइछ । तेँ अंग्रेजीमे बिढ़नी ओ पचहिया आदिकेँ पेपर वॉस्प (PAPER WASP) कहल जाइत अछि । एकर विपरीत,
मधुमाक्षीक छत्ता मोमसँ (WAX) बनल रहैत अछि । ई मोम (WAX) श्रमिक मधुमाक्षीसभ परागकणकेँ लेरसँ सानि अर्धपाचित कऽ कऽ बनबैत छथि तेँ ओकरा
संस्कृतमे “मधूच्छिष्ट” कहल जाइत अछि ।
*४ - मधुमाक्षी वास्तविक सामाजिक माक्षी (EUSOCIAL BEES) केर समूहमे आबैत अछि । ओकर हरेक समूह या छत्तामे (HERD / BEE SWARM / HONEYCOMB) एकटा रानी मधुमाक्षी (QUEEN BEE) किछु हजार नर मधुमाक्षी (DRONE BEES) आ दसहु हजार श्रमिक वा मजूर मधुमाक्षी (WORKER/NURSE BEES) रहैत अछि । पराग एकत्र कऽ कऽ मोम (छत्तामे कठरी निर्माण
लेल) ओ मऽध (आपातकालीन आहार लेल) बनायब ओ छत्ताक सुरक्षा करब − ई सभटा काज श्रमिक
वा मजूर मधुमाक्षीक थिक ।
*५ - भारत ओ विश्वक आन ठामसेहो मधुमाक्षी - पालन (APICULTURE; API = Apis = मधुमाक्षीक वंशक प्राणीशास्त्रीय नाम आ CULTURE = पालन) एकटा पैघ व्यवसायक रूपमे विकसित भऽ
चुकल अछि ।
मधुमक्षिका → मधुमाक्षी → मधुमाछी
मैथिली पाक्षिक
इण्टरनेट पत्रिका “विदेह” केर 205म अंक (01 जुलाई 2016) (वर्ष 9, मास 103, अंक 205) केर “बालानां कृते” स्तम्भमे प्रकाशित ।
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