खढ़िआ या खड़ेहा (बाल कविता)
खुसुर - फुसुर की बाजैत छी ? - सुनि लेलहुँ यौ कक्का !
खढ़िआ सनि तोर कान ठाढ़ छौ − छेँ तोँ परम उचक्का ।।*१
गलती कऽ कऽ भागि गेलेँ तोँ - छेँ उकपाती बच्चा ।
खड़ेहा सनि तोर
टाङ्ग तेज छौ, पर पकरएबेँ पक्का ।।*२
किछु तँऽ छै खड़गोशहि सनि केर, पर भिन्ने छै खढ़िआ ।
किछु छै एकरंगाह, अलगहि किछु, जहिना घोड़ा - गदहा ।।*३
खढ़िआ भेटैछ जंगल -
झाड़मे, जीव छी शुद्ध बनैया ।
खरगोशक सनि रहितहु ओ ने, भेल मनुक्खक पोशुआ ।।
बिल नञि ओ बनबैछ, रहैतछि नुका
सघन झाड़ीमे ।
बाध - बोनमे देखबै, आबैत - जाइत
खऽढ़ - खरहीमे ।।*४
ओ तँऽ शुद्ध छी शाकाहारी, गाछ - पात आहार ।*५
पैघ बाज-चिल्होरि-गिद्ध केर, ओ बनि जाइछ शिकार ।।*६
संकेत
आ किछु रोचक तथ्य -
*१ *२ - “खढ़िआ/खड़ेहा सनि कान
ठाढ़ होयब” आ “खढ़िआ/खड़ेहा तेज
टाङ्ग होयब” − ई दुहु मैथिलीक सुप्रशिद्ध कहबीसभमेसँ अछि ।
*३ - वयस्क खढ़िआ/खड़ेहा आओर
खड़गोश देखबामे एकदम एकरंगाह प्राणी लागैत अछि तेँ ओकर नाँओसभ साहित्यमे बहुधा
पर्यायी जेकाँ प्रयुक्त भेल अछि पर वास्तवमे दुहु एकदम्महि भिन्न प्रकारक प्राणी
अछि ।
*४ - खढ़िआ/खड़ेहा खऽढ़,
खरही या आन ताहि तरहक प्राकृतिक झाड़ी सदृश (BUSHY) जंगली आवास - क्षेत्रमे रहैत अछि । ओ
रहबा लेल खड़गोश जेकाँ बियरि (बिल) (UNDERGROUND BURROW / RABBIT HOLES) नञि बनबैत अछि अपितु
जमीनहि पर अऽढ़ जगह पर सुखायल घास - फूस केँ जमा कए रहबा लेल अस्थाई घऽर बनबैत अछि
।
*५ - खड़गोश आ खढ़िआ/खड़ेहा दुहु
शुद्ध शाकाहारी जीव अछि । खड़गोश प्रायः कोमल घास खाइत अछि जखनि कि खढ़िआ/खड़ेहा ताहिसँ किछु दृढ़ वस्तु (जेनाकि गाछक छाल, छोट-मोट झाड़ीसदृश गाछक शाखा
आ पातसभ) खाइत अछि ।
*६ - शिकारी चिड़ैसभक (RAPTORS) प्रिय शिकारमेसँ (PREY) खढ़िआ/खड़ेहा एक अछि
।
करिया
घेंटबला खढ़िआ/खड़ेहा (INDIAN HARE / BLACK-NAPED HARE / Lepus nigricollis) भारतक मूल
निवासी (NATIVE
SPECIES) अछि । ओ प्ररम्भहिसँ भारतीय उपमहाद्वीप पर रहैत आबि
रहल अछि ।
मैथिली पाक्षिक
इण्टरनेट पत्रिका “विदेह” केर 205म अंक (01 जुलाई 2016) (वर्ष 9, मास 103, अंक 205) केर “बालानां कृते” स्तम्भमे प्रकाशित ।
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