बत्तख
(बाल कविता)
हंस आ हंसकसँ हम
छोट ।
ओकरा सभसँ कम्मे
मोट ।
तइयो उड़ि नञि पाबैत छी ।।*१
हमरामे बहुते वैविध्य ।
बेसीतर नहिञे
उड़ैछ ।
जलक्रीड़ा केर आदति
छी ।।*२
नञि उड़ैछ बत्तख
संज्ञा ।
जँ उड़ैछ हंसक उपमा ।
उड़बासँ हंस कहाबैत छी ।।*३
चितकाबर उज्जर
कारी ।
पीयर भूरा
मटियाही ।
पएर पीयर - नारंगी छी ।।*४
पानिमे हेलएमे
माहिर ।
डुम्मी काटएमे
माहिर ।
उड़बा केर बदला
इएह सही ।।*५
अंडा छी कम्मे
स्वादिष्ट ।
पर बूझू बहुते पौष्टिक ।
तेँ अहँ पोषैत -
पालैत छी ।।*६
संकेत आ किछु
रोचक तथ्य -
*१ - हंस ओ हंसक केर
तुलनामे बत्तख बहुत छोट आ हल्लुक होइत अछि पर तइयो बेसीतर बत्तख उड़ि नञि पाबैत
अछि ।
*२ - अंग्रेजीक DUCK शब्द केर
क्षेत्र बहुत व्यापक अछि; तहिना मैथिलीक “बत्तख” केर क्षेत्र सेहो । एकर अन्तर्गत कतेको वंशक जलीय पक्षीक
बहुतो जाति ओ प्रजाति आबेत अछि जाहिमे बेसीतर नञि उड़ि सकैत अछि ।
*३ - DUCK या “बत्तख” शब्दक अन्तर्गत
आबए बला बेसीतर चिड़ै उड़ि नञि पाबैत अछि । पर एकरहि अन्तर्गत उपविभाग SHELDUCK मे आबए बला चिड़ै नीक उड़ान भरैत अछि आ प्रवासी प्रकृतिक
होइत अछि । मैथिलीमे प्रायः नञि उड़ि सकए बला DUCK केँ “बत्तख” कहल जाइत अछि पर उड़ए बला DUCK केँ व्यापक स्वरूपमे “हंस” कहि
देल जाइत अछि । एहेन किछु DUCK केर लेल मैथिलीमे विशिष्ट नाम सेहो अछि, यथा -
चकेबा, सिल्ली आदि ।
*४ - देहक रंग जे हो
पर अपना दिशि प्रायः बत्तखक पएरक रंग पीयर वा नारंगी सनि होइत अछि ।
*५ - ओना तँऽ प्रायः
हर बत्तखमे कमोबेश हेलबाक आ गोंता लगएबाक क्षमता होइत अछि, पर समुद्री परिवेशमे
भेटए बला बत्तख बहूत गँहीर गोंता लगाबएमे माहिर होइत अछि ।
*६ - जे केओ अण्डा खाइत छथि तनिका कथनानुसार बत्तखक अण्डा
मुर्गीक अण्डाक अपेक्षा कम स्वादिष्ट होइत अछि । यूनानी आ पारम्परिक चिकित्सामे
एकरा विशेष पौष्टिक ओ औषधीय गुण सम्पन्न मानल जाइत अछि ।
मैथिली पाक्षिक इण्टरनेट पत्रिका “विदेह” केर 195म अंक (01 फरबरी 2016) (वर्ष 9, मास 98, अंक 154) केर “बालानां कृते” स्तम्भमे
प्रकाशित ।
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