पानिडुब्बी
या मछरेंगा (बाल कविता)
मत्स्यरंक
संस्कृतक छी हम, अंग्रेजीक किंगफिशर ।
पानिडुब्बी सभ
लोक कहैए, मिथिला माटिक ऊपर ।।*१
मछरेंगा सेहो
हमरे नाम छी, संस्कृतहिसँ निकलल ।
दच्छिन-पूब
विदेहक भू पर, नाम ईहो अछि भेटल ।।*१
नील-हरित छी पीठ-पंख,
आ श्वेत श्याम वक्षोदर ।
लाल-नारंगी चटक
रंग सेहो, बीचमे फेंटल फाँटल ।।*२
लाल-नारंगी-कत्थी-कारी,
चटक रंग
छी लोलक ।
कायक तुलना पैघ
लोल छी, से अपनहुँकेँ बूझल ।।*३
कएटा जाति-प्रजाति
हमर, सौंसे संसारमे पसरल ।
पर मिथिलासहिते
भारतमे, बेशी एहने
भेटत ।।*४
माछ प्रिय हमरा
छी बहुत, तेँ एहने सभटा नाम ।
बेरि - बेरि काटी
हम डुम्मी, पानिडुब्बी तेँ नाम ।।*१
कोनहु जलाशय
नहरि-नदी वा पोखरि-डबरा-खत्ता ।
काते-काते बैसल देखब,
झुकल गाछ वा खुट्टा ।।
संकेत आ किछु
रोचक तथ्य -
*१ - मैथिलीमे एकर
दू टा नाम अछि । पहिल अछि “पानिडुब्बी
चिड़ै” (उच्चारण - पैनडुब्बी) जे
कि माछ पकड़बा लेल बेर - बेर गोंता लगएबाक (वा झपट्टा मारबाक) कारण पड़ल होयत ।
दोसर पर्यायी नाम अछि “मछरेंगा” जे कि सम्भवतः संसकृत नाम “मत्स्यरंक” केर तद्भव रूप थिक ।
*२ - एकर किछु प्रजातिमे लालछौंह पीयर वा नारंगी रंग सेहो भेटैछ आन किछु प्रजातिमे
नञि ।
*३ - पूरा शरीरक
तुलनामे एकर लोल बेस नमगर, मोट आ ठोसगर बुझना पड़ैछ ।
*४ - विश्वमे
पानिडुब्बी चिड़ै केर कएक टा जाति - प्रजाति पाओल जाइत अछि जाहिमे कोनहु पीयर रंगक
तँऽ कोनहु नारंगी, कोनहु भूरा तँऽ कोनहु चितकाबर रंगक सेहो होइत अछि ।
मैथिली पाक्षिक इण्टरनेट पत्रिका “विदेह” केर 195म अंक (01 फरबरी 2016) (वर्ष 9, मास 98, अंक 154) केर “बालानां कृते” स्तम्भमे
प्रकाशित ।
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