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Tuesday, 8 May 2012

पद्य - ६५ - किए मैथिलीक आङ्गन उदास लगैए ?


किए मैथिलीक आङ्गन उदास लगैए ?
(गीत)



                 खन आबि केओ  कान मे ई बात पुछैए ।
              किए  मैथिलीक  आङ्गन  उदास लगैए ?



खन आबि केओ  कान मे ई बात पुछैए ।
किए  मैथिलीक  आङ्गन  उदास लगैए ?


किए   बैसल  छथि  मैथिल  आराम  सँ ?
किए  उठइछ  ने  धधरा  हरेक  गाम सँ ?
किए  दिनहु  मे  गुजगुज  अन्हार  लगैए ?
किए   मैथिलीक  आङ्गन  उदास  लगैए ?


कतए  गेलाह  शिवसिंह, विद्यापति, जनक ?
किए पड़ल अछि मन्द आइ माथक तिलक ?
किए  मिथिला  मे   उनटा  बसात  बहैए ?
किए  मैथिलीक  आङ्गन   उदास  लगैए ?


कहू !  कनइछ  के  बैसल  एहि  कोन मे ?
की ने बाँचल अछि  सिंह  एकहु  बोन  मे ?
किए  पीयर  सनि  खेतक  जजाति लगैए ?
किए   मैथिलीक  आङ्गन   उदास  लगैए ?





डॉ॰ शशिधर कुमर “विदेह”                                
एम॰डी॰(आयु॰) – कायचिकित्सा                                   
कॉलेज ऑफ आयुर्वेद एण्ड रिसर्च सेण्टरनिगडी – प्राधिकरणपूणा (महाराष्ट्र) – ४११०४४



विदेह” पाक्षिक मैथिली इ  पत्रिकावर्ष मास ५२ , अंक ‍१०४ , ‍१५ अप्रिल २०१२ मे “स्तम्भ ३॰७” मे प्रकाशित ।





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