जयति जयति मिथिले
(जन्मभूमि स्तुति गीत)
जय हे !
जयति मिथिला ।
जयति मिथिले ।
जय कवि - कोकिल - अमिय - वाङ्गमय,
जयति, जयति मिथिले ।।
जय मिथिला – भू तरण –
तारिणी ।
श्रीसीते निज
गर्भ धारिणी ।
नतमस्तक तोरा आगाँ माँ,
जन्मभूमि मिथिले ।।
जय शत् – सरिते अमिय –
वाहिनी ।
मिथिला – भू जीवन – प्रदायिनी ।
अमिय चरणरज माए मैथिलीक,
पाबि धन्य गंगे ।।
जय मिथिला धन जन वन उपवन ।
जय मिथिला केर पुज्य हरेक
कण ।
बारम्बार करी स्तुति हम,
जयति जयति मिथिले ।।
“विदेह” पाक्षिक मैथिली
इ – पत्रिका, वर्ष –५, मास –५२ , अंक –१०४ , १५ अप्रिल २०१२
मे “स्तम्भ ३॰७” मे प्रकाशित ।
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