Pages

मिथिलाक पर्यायी नाँवसभ

मिथिलाभाषाक (मैथिलीक) बोलीसभ

Powered By Blogger

Thursday 2 February 2012

उड़ि ने सकी पर चिड़ै छी हम (भाग-२)




विज्ञान विषयक लेख सभक लेल नित नऽव पारिभाषिक शब्द सभक आवश्यकता पड़ैछ । एहि प्रकारक पारिभाषिक शब्द सभ कोनहु भाषा मे ओकर मातृक मूल भाषा (Parent / Source language) सँ बनाओल जाइछ, यथा अंग्रेजी मे लैटिन सँ  मैथिली मे संस्कृत सँ 


उड़ि ने सकी पर चिड़ै छी हम
(भाग-२)


अगिला साँझ, हाट – बजार कऽ कऽ आङ्गन अबैत रही । दूरहि सँ कोनटहि लऽग सँ बुझा गेल जे धिया – पुता सभ बाट ताकि रहल अछि । आइ संख्या सेहो किछु बेशीअहि बुझि पड़ल, जे कि यथार्थे छल ।
लऽग अबितहि सभ धिया  - पुता सामने राखल काठक कुर्सी पर हमरा झीकि – तीरि कऽ बैसा देलक आ अपने सभ सामने राखल चौकी पर बैसि रहल ।
सोनी – तऽ चलू आब शुरू भऽ जाउ आ आगाक खिस्सा सुनाउ ।

कञ्चन – हम्मे काल्हि नञि रहियै , हम्मे शुरू सऽ सुनबै । 
किछु धिया पुता सभ बाजल – नञि ! नञि !  हम सभ आगा केर खिस्सा सुनब । 
कञ्चन आइ भोरहि भागलपुर सँ आयल छलि, एहि ठाम ओकर मामा गाम । तऽ फेर भगिनमानक बऽल, कोना ओकर बात टारि सकैत छलियै । बाकी धिया – पुता केँ सेहो मोन नञि तोड़ल जा सकैत छल तेँ ओकरा सभ केँ समझबैत पहिलुका खिस्सा एक बेर फेर सँ संक्षेप मे कहल । 
.......................... तऽ हम सभ कैसोवरी लग आबि कऽ रूकल रही ??
- हँ, आ एकर बाद “सोन चिड़ै” केर बारी रहए । बब्बन सोनी दिशि इशारा करैत बाजल । सभ धिया – पुता फेर जोर सँ भभा कऽ हँसि पड़ल ।
सोनी ओहि ठाम सँ उठि, हमर कुर्सीक कात मे आबि ठाढ़ि भऽ गेलि । थोड़ेक तामस मे बाजलि – यौ देखै छियै ई सभ कोना हमरा खौंझबैत रहइए ।
- हम कात मे राखल एकटा मचिया अपन कुर्सीक बगल मे रखैत बजलहुँ – ठीक छै तोँ एहि ठाम बैसह । एहि मे खौंझाइ केर कोन गप्प , तोँ तऽ छऽहे “सोन चिड़ै” । लोक तऽ दुलार सँ कहैत छौ ने । 
- ओकर तामस कम होइत निपत्ता भऽ गेलै जेना कि सहजहि धिया – पुता सभ मे होइत छै । ओ हमरहि लऽग ओहि मचिया पर बैसि रहलि । 
- हँ तऽ ऑस्ट्रेलिया केर बगल मे कोन देश छै ? - हम बाकी धिया – पुता दिशि मूँह करैत बजलहुँ ।
– न्यूजीलैण्ड । सभ धिया पुता केँ शान्त देखि कञ्चन कने गम्भीर पर आत्मविशवास भरल स्वर मे बाजलि ।
हम – आ ओहि ठामक राष्ट्रिय चिड़ै कोन ? 
– सभ धिया पुता फेर अवाक भए हमर मूँह ताकए लागल । 
- तोँ सभ क्रिकेट खेलय जाय छह, टी॰ भी॰ पर सेहो देखै जाय छह, कने जोड़ दहक दिमाग पर – हम बजलहुँ ।
हम पुनः बजलहुँ - अच्छा छोड़ह, ई कहह जे न्यूजीलैण्ड केर लोक सभ केँ की कहल जाइत छै ?
बब्बन – चहकैत बाजल – अरे, हाँ ................ कीवी ।
हम – एकदम सही “कीवी” ओहि ठामक राष्ट्रिय चिड़ै अछि आ ओहो उड़ि नञि सकैत अछि आ ओकरहि कारणेँ ओहि ठामक रहनिहार लोक सभ केँ सेहो कीवी कहि सम्बोधित कयल जाइत अछि । कीवीक वंश (Genus) थिक अटेरिक्स (Apteryx) । एकर पाँच टा जाति (Species) पाओल जाइत अछि , जाहि मे सँ अटेरिक्स ऑस्ट्रेलिस (Apteryx australis) बेशी प्रशिद्ध । ई लजकोटरि आ मुख्यतः राति मे विचरण कएनिहार चिड़ै अछि । तेरहम सती मे न्यूजीलैण्ड मे मनुक्खक आगमन सँ पहिने ओहि ठाम कीवी केर कोनो शत्रु नञि छल । परञ्च मनुक्ख अपना संगहि कुकुर, बिलाइ आ ओकरहि सन आन जानवर जेना कि स्टोट (Stoat) फेर्रेट (Ferret ,बिज्जी केर एक प्रकार)  आदि सेहो नेने आयल । स्टोट आ फेर्रेट कीवीक अण्डा केर परम शत्रु आ कुकुर बिलाइ वयस्क कीवीक । एहि प्रकारेँ कीवीक संख्या बहुत कम होइत गेल आ ई चिड़ै वलुप्त होयबाक श्रेणी मे आबि गेल । एकरा बचयबाक लेल 2000 ई॰ मे न्यूजीलैण्ड मे पाँच टा कीवी अभयारण्य (sanctuary) बनाओल गेल अछि ।




प्रिया – से सभ तऽ ठीक । पर एकरा बारे मे कोनो विशेष बात बताउ ।
हम – बहुत किछु विशेषता छै । एकर सूँघबाक शक्ति बहुत तेज होइत अछि ।
सोनी – तखन तऽ ईहो कुकुरहि भेल कि ने ?
हम – हाँ एहि मामिला मे कुकुरहि सन तेज । एकर नमगर चोंचक अगिला भाग मे नासाछिद्र (Nostrils)  होइत अछि जखन कि आन चिड़ै सभ केर चोंच केर पछिला भाग मे । ई सर्वाहारी अछि आ फल – फूल, कीड़ा – मकोड़ा, बेङ्ग – दादुर आदि खा जाइत अछि । कीवी बिना देखनहि, जमीनक नीचा मे, बिल मे बैसल कीड़ा – मकोड़ा केँ सही – सही अन्दाजि सकैत अछि । यद्यपि शुतुर्मुर्गक अण्डा केर वास्तविक आकार दुनिञा मे सभसँ पैघ अछि , पर वयस्क चिड़ै केर आकार केर अनुपात मे अण्डा केर आकार  देखला सँ कीवीक अण्डाक सानुपातिक अकार (Relative / comparative size) सभसँ पैघ होइछ । कीवीक एक अण्डा केर ओजन वयस्क स्त्री कीवीक ओजन केर चौथाई ओजन धरि भऽ सकैत अछि । ई किछु गिनल - चुनल चिड़ै मे सँ अछि जे एक बेर जोड़ी बनओलाक बाद जिनगी भरि संग रहैछ । 
विकास – हूँ । से नञि बूझल छल ।
हम – आब हम सभ नऽव दुनिञा दिशि चली ।
बब्बन – नऽव दुनिञा ? हम नञि बुझली ।
प्रिया – अमेरिका के नऽव दुनिञा कहल जाइत छै ........छै ने ? हमरा दिशि तकैत बाजलि ।
हम – हँ नऽव दुनिञा (New World) प्रायः अमेरिकहि केँ आ खास कऽ दक्षिणी अमेरिका (उच्चारण – दैच्छनी अमेरिका)  केँ कहल जाइत छै । ओना किछु लोक ऑस्ट्रेलिया आ लऽग – पासक द्वीप समूह सभ केँ सेहो नऽव दुनिञा कहैत छथिन्ह ।
कञ्चन यानि कि हम्मे सभ एक नऽव दुनिञा सऽ दोसर नऽव दुनिञा जयवो ।
हम हँ । तऽ चली । सभ केओ तैय्यार छी ।
- सभ धिया पुता एक स्वरेँ बाजल हँ, तैय्यार छी ।
हम -  द॰ अमेरिका केर मूल निवासी अछि रिया । ई करीब – करीब पूरा दक्षिणी अमेरिका – जेना कि ब्राजील, पेरू, अर्जेण्टीना, चीली आदि देश – मे पाओल जाइत अछि ।
पवन रिया तऽ हमर मौसी के नाम हए ।
हम पर एहि ठाम रियामनुक्खक नञि, चिड़ै केर नाँव थिक । एकर दू टा जाति पाओल जाइछ पहिल बड़की रिया या रिया अमेरिकाना (Rhea americana) आ दोसर छोटकी रिया या रिया पिन्नाटा (Rhea pennata) । ई सभ सर्वाहारी (Omnivirous)  होइत अछि पर अधिकांशतः चाकर पत्तावला गाछ – बिरिछ केर पात खाइत अछि, पर जरूरति पड़ला पर फल, बीया आ छोट – मोट गाछक जड़ि सेहो चिबा जाइत अछि । भूख लगला पर छोट – मोट कीड़ा – मकोड़ा आ गिरगिट धरि खा सकैत अछि । नञि उरि सकएबला चिड़ै सभ मे रिया केर पंखक आकार सभसँ पैघ होइत अछि आ जखन ओ चलैत वा दौड़ैत अछि तऽ पंख केँ थोड़े – थोड़े पसारि लैत अछि । ई चिड़ै बहुत चलाक होइत अछि ।
सोनी – से कोना ?
हम – पहिने बताओल आन चिड़ै सभ जेना ईहो जमीने पर अपन अण्डा दैत अछि , घोसला आस – पास मे पाओल जाय वला  घास – पात सँ बनबैछ । एक घोसला मे 10 सँ 60 धरि अण्डा भऽ सकैत अछि । 
पवन – एहि मे कथी केर चलाकी ?
हम - ई एकर चलाकी नञि । अण्डा खएनिहार जीव – जन्तु केर ध्यान बहटारए केर लेल ई चिड़ै अपन मुख्य घोसला केर चारू कात दू – चारि टा अण्डा छोड़ि दैत अछि । एहि प्रकारेँ अपन किछु अण्डा केर बलि दऽ कऽ शेष अण्डा केँ बुद्धिमानी सँ सुरक्षित बचा लैछ । 




बब्बन – हँ, तऽ बुझली, इएह छी एकर चलाकी । 
हम – दक्षिणी अमेरिका मे एक गोट आओरो चिड़ै भेटैछ , जे उड़ि नञि सकैछ । केओ बता सकैत छी ओकर नाँव ??
- सभ धिया – पुता एक दोसराक मूँह ताकए लागल । पर केओ किछु नञि बाजल । 
हम“पेंगुइन” केर नाम सुनने छह की ?
- सभ धिया – पुताक जेना भक टुटि गेल हो । एक्कहि संगे जोर सँ बाजल – यौ ! ओ तऽ अण्टार्कटिका मे होइत छै ।
सोनी –  अहीं तऽ अपन पिछला खिस्सा – “खिस्सा अण्टार्कटिका केर” - मे लिखने छलियै । यौ अहूँ केँ निन्न लागल सन बुझाइत अछि ।
हम – निन्न नञि लागल अछि । हम ई थोड़े ने लिखने रही कि पेंगुइन (पेंग्वीन) खाली अण्टार्कटिकहि मे होइत अछि । पेंगुइन केर करीब 17 सँ 20 जाति पाओल जाइत अछि आ ओ अण्टार्कटिकाक अतिरिक्त दक्षिणी अमेरिका (अर्जेण्टीना, चीली), ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैण्ड, दक्षिण अफ्रिका, गैलेपैगोस द्वीपसमूह आदि स्थान पर पाओल जाइत अछि । ई सभटा स्थान पृथ्वीक दक्षिणी गोलार्ध (Southern hemisphere) मे अबैछ । जे अकार मे पैघ आ भारी पेंगुइन अछि ओ ठण्ढा जगह पर आ जे छोट आ हल्लुक पेंगुइन अछि से अपेक्षाकृत गर्म जगह पर पाओल जाइछ । सम्राट पेंगुइन या एम्पेरर पेंगुइन (Emperor penguin) सभसँ पैघ आ भारी होइछ जे कि अण्टार्कटिका मे रहैछ । एकर ऊँचाई 1.1 मीटर (लगभग साढ़े तीन फीट) आ ओजन लगभग 35 कि॰ग्रा॰ धरि होइत अछि ।  सम्राट पेंगुइन केर जैव वैज्ञानिक नाँव अछि ऑप्टेनोडाइटिस फोर्सटेराइ (Aptenodytes forsteri) । अच्छा, अहाँ सभ केँ एकरा बारे मे की की बूझल अछि ?





बब्बन – ई हमरे आर मनुक्ख जेकाँ दू पैर सऽ चलि सकै हए ।
हम – एकर मतलब कि अहाँ सभ एहि चिड़ै सँ अपरिचित नञि छी । पेंगुइन मनुक्खे जेकाँ दू पएर सँ धऽर उठा कए नाकक सीध मे चलि सकैत अछि । एहि चलबाक समय ओकर छोट- क्षीण नाँगरि (Tail)  सन पछिला भाग ओकरा अपन शरीर केँ सन्तुलित रखबा मे मदति करैछ ।
कञ्चन – हम्मे डिस्कवरी चैनल पर देखने रहियै जे ओकर पेट उज्जर आ पीठ कारी होइ छैक ।
हम – एकदम सही, ओकर पेटक रंग बर्फ सन उज्जर होइत अछि । एहि कारणेँ समुद्रक अन्दर सँ ताकि रहल शिकारी समुद्री जीव – जेना कि सील, वालरस आदि – समुद्रक कात मे बर्फ पर ठाढ़ पेंगुइन आ बर्फ मे भेद नञि कऽ पबैछ । एहि प्रकारेँ पेटक उज्जर रंग ओकरा लेल सुरक्षा – कवच सन काज करैत छै । तहिना पीठ परक कारी रंग सेहो – आकाश मे उड़ि रहल पैघ शिकारी चिड़ै सभ पाथर सन बुझि धोखा खा जाइत अछि ।  जीव विज्ञान मे एहि प्रकारक प्राकृतिक सुरक्षा व्यवस्था केँ छद्मावरण (Camouflage)  कहल जाइछ । एकर आन उदाहरण अछि गिरगिट केर रंग बदलब । आओर की ?
सोनी – ओ पानि मे सेहो हेलि सकैत अछि ।
हम – बेस कहल । ओ समुद्रक पानि मे डुम्मी काटि कऽ हेलि (Diving) सकैत अछि । ओकर देह मे बहुत चर्बी रहैत छै । अहाँ सभ केँ बुझले होयत कि चर्बी पानि सँ हल्लुक होइत अछि आ तेँ ओ पानि मे हेलबा मे मदति करैछ । ई चर्बी पेंगुइन केँ ठण्ढी सँ सेहो सुरक्षित रखैछ । ओकर दुनू पंख पानि मे हेलबाक लेल अनुकूलित भऽ गेल अछि आ हेलबाक समय नाओ केर पतवाड़ि सदृश काज करैछ । ओ 6 सँ 12 कि॰ मि॰ प्रति घण्टा केर गति सँ पानि मे दुम्मी मारि कऽ हेलि सकैछ । सम्राट पेंगुइन समुद्र केर भीतर 365 मीटर अर्थात्  1870 फीट गहीर तक जा सकैत अछि । ओ समुद्री माछ आ जीव  जन्तुक शिकार कऽ कऽ अपन पेट भरैछ आ कहुखन – कहुखन इएह फेरी मे स्वयं आन समुद्री प्राणीक (यथा सील आ वालरसक) शिकार सेहो बनि जाइछ । ओ समुद्रक पानि सेहो पिउबि कऽ पचा सकैत अछि आ समुद्रक पानि केर संग पिउल गेल अतिरिक्त नोन केँ मगरमच्छे जेकाँ नोरक संग बहा दैछ । पानि मे पेंगुइन केर हेलबाक प्रक्रिया देखबा मे बहुत किछु हवा मे कोनो चिड़ै केर उरबाक प्रक्रिया सँ मेल खाइछ ।





प्रिया – सही मे , ई तऽ चिड़ै सनि लगिते नञि अछि ।
हम – हाँ । कखनो - कखनो ई बर्फ पर छहलैत – छहलैत (Sliding)  एक जगह सँ दोसर जगह पहुँचि जाइछ तऽ कखनो – कखनो छोट धिया – पुता जेकाँ दुनु पएर उठा कऽ कूदि – कूदि कऽ सेहो चलैछ ।
पवन – आश्चर्य !!!
हम – हाँ आश्चर्ये थिक । ओना तऽ नञि उड़ि सकनिहार करीब 40 प्रकारक चिड़ै अछि पर ई चिड़ै सभ लोक केँ बेशी आकर्षित करैत अछि तेँ अहूँ सभ केँ सुना देलहुँ । ई  खिस्सा आब एतहि समाप्त करैत छी । 
विकास – तइयो किछु आओर एहि तरहक चिड़ै सभहक नाँव तऽ बताउ ।
हम – नाँव तऽ अहूँ सभ केँ बुझले अछि – मुर्गा, बत्तख मोर
प्रिया – पर ओ सभ तऽ उड़ए छै ।
हम – नञि खा गेलहुँ ने धोखा । ओ सभ वास्तव मे उड़ैत नञि अछि, कोनो ऊँच स्थान सँ कुदैत अछि, अपन पंख केँ फड़फड़बैत अछि आ हवा पर गुड्डी (पतंग) जेकाँ उधियाइत वा उड़ियाइत (Glide) रहैत अछि ।
पवन – ठीके यौ, सही कहलहुँ अहाँ ।
हम – चलैत – चलैत एकटा नाँव आओर बता दैत छी – “डोडो” (Dodo) । ई चिड़ै मॉरिशस केर मूल निवासी छल, उड़ि नञि सकैत छल । अत्यधिक शिकार होयबाक कारणेँ ओ करीब चारि – साढ़े चारि सौ वर्ष पहिने विलुप्त (Extinct) भऽ गेल ।
पवन – ओह ! ई तऽ बहुत खड़ाब भेल ।
हम – हँ से तऽ अछि । पर जे एक बेर विलुप्त भऽ गेल से फेर सँ दोबारा नञि आबि सकैत अछि ।
- किछु क्षण केर लेल सभ धिया – पुता शान्त भऽ गेल ।
- शान्तिमय वातावरण केँ तोड़ैत हम बजलहुँ । ठीक अछि तऽ आब चलबाक चाही ।
- हाँ । सभ धिया – पुता बेमोन सँ बाजल ।
सोनी – फेर अगिला बेर कोन खिस्सा सुनाएब ।
हम – से अगिलहि बेर कहब । ता धरि शुभ रात्रि ।

*******************************************************************




"विदेह पाक्षिक मैथिली इ पत्रिका, वर्ष , मास ५०, अंक ९९, स्तम्भ – बालानां कृते,  दिनांक ०१।०२।२०१२ मे प्रकाशनार्थ ।



No comments:

Post a Comment