कोइली
(बाल कविता)
कोइली कोइली सभ
बजैत छी, पर के - के छी देखने ? *१
एक्कहि संगे बाजि
उठल सभ, कोइली हम छी देखने ।।
जोतला खेतमे वा
पड़तीमे, पानि जतए छै लागल ।
कारी - कारी बहुते कोइली, नाङ्गरि बीचसँ काटल ।।*२
नञि बौआसभ आ
बुच्चीसभ, ओ तँऽ छी धनछुआ ।
कारी - कोइली, कारी
- कौआ आ करिया - धनछुआ ।।
कोइली चिड़ै प्रवासी
छै ओ दूर देशसँ आबए
।
भरि बसंत रहि,
बरखा बादहिं, पुरना देश ओ भागए ।।*३
अबितहिं एहिठाँ
गाछीमे ओ
कू - कू राग अलापए ।
मज्जर, टिकला,
आमक संग-संग ई आबाज हर्षाबए ।।
ऊँच गाछ पर घनगर पातक
बीच नुका कऽ बैसए ।
तेँ मनुक्ख आबाज
सुनए बस, कोकिल-छवि ने देखए।।
कोइली खोंता नञि बनबए, कौआ बनबैतछि खोंता ।
कोइली ताहिमे अण्डा पाड़ए, कौआ संग छै धोखा ।।*४
कौआ फरक ने बूझि
पाबए, अपना - आनक अण्डामे ।
अण्डे नञि, ओ पोषए - पालए कोइलीयोक बच्चाकेँ ।।
पाँखि उगल बच्चा
उड़ि भागल, अपना झुण्डक संगे ।
कौआ मूर्ख बनल
कानैत अछि, दुनिञा रंग - बिरंगे ।।*४
संकेत आ किछु
रोचक तथ्य -
*१ मैथिलीमे,
·
कोइली - कारी रंगक चिड़ैविशेष जे कि भारतीय ओ आन वाङ्गमयसभमे अपन
मधुर आबाजक लेल प्रशिद्ध अछि । हिन्दीमे एकरा कोयल आ अंग्रजीमे कुक्कू (CUCKOO) कहल जाइत अछि ।
·
कोयली - आमक आँठीक भीतरमे उज्जर रंगक कोमल संरचनाविशेष ।
·
मैथिलीमे “कोइली” आ “कोयली” श्रुतिसम
भिन्नार्थक शब्द भेल । मतलब कि एहेन
शब्दसभ जे सुनबामे एकरँगाह लगैत अछि पर ओकर अर्थ अलग−अलग होइत अछि ।
*२ - धियपुता सभ (आ
किछु पैघ लोक सभ सेहो) कारी रंगक कारण भ्रमवश “करिया धनछुआ”केँ (BLACK
DRONGO) कोइली कहि दैत
छथि ।
*३ - देश = राजनैतिक
सीमासँ अलग देश होयब जरूरी नञि = दूरस्थ स्थान वा भिन्न जलवायुबला क्षेत्रक द्योतक
*४ - सभ प्रकारक
कोइली आ पपीहा शिशु-भरण परजीवी (BROODING PARASITE) होइत अछि । ओ अपन अण्डा कौआ, करिया धनछुआ,
धनछुआ या एहि तरहक आन चिड़ैसभक खोंतामे दैत अछि जे कि शिशु-भरण
पोषक (BROODING
HOST) केर भूमिका निमाहैत अछि । शिशु-भरण परजीवी अपन अण्डा
चोड़ा-नुका कऽ शिशु-भरण पोषकक खोंतामे दऽ दैत अछि आ शिशु-भरण पोषक अपन अण्डाक
संग-संग परजीवीक अण्डाकेँ सेहो सऐत अछि, अण्डासँ बच्चाकेँ निखालेत अछि आ
खोअबैत-पिउपैत अछि । उड़बा जोकर भेलापर परजीवी कोइली या पपीहाहक बच्चा अपना-अपना
झुण्डमे भागि जाति अछि आ ताहि बच्चाकेँ भागि गेला पर स्त्री/मादा कौआकेँ उदास होइत सेहो देखल गेल अछि ।
अंग्रेजीक CUCKOO शब्द बहुत
व्यापक अछि । एहि अन्तर्गत कोइली, पपीहा आदि बहुत रास गाबय बला चिड़ै सभ अबैत अछि
। एकरा अन्तर्गत अंग्रेजीक KOEL / TRUE
CUCKOO आ INDIAN
CUCKOO शब्दसभसँ बोध
होइबला चिड़ैसभकेँ राखब बेशी उचित होयत जे जीव-विज्ञानमे क्रमशः Eudynamys आ Cuculus वंशसभक (GENERA) सदस्य पक्षी अछि
। ई दुनु तरहक चिड़ै भारतमे सेहो प्रायः हर भागमे पाओल जाइत अछि । ऊपरुका चित्रमे
देखाओल कोइली Eudynamys वंशक अछि । सभ प्रकारक कोइली मे मात्र नर कोइलीये टा गबैत
अछि संगहि पुरुष/नर-कोइलीक रंग कारी या अपेक्षाकृत गाढ़ रंगक होइत अछि तथा
मादा/स्त्री-कोइली अपेक्षाकृत हल्लुक या कम गाढ़ रंगक होइत अछि ।
मैथिली पाक्षिक इण्टरनेट पत्रिका “विदेह” केर 194म अंक (15 जनबरी 2016) (वर्ष 9, मास 97, अंक 194) केर “बालानां कृते” स्तम्भमे
प्रकाशित ।