चन्ना मामा (बालगीत)
दियाबातीक समय थिक । किछु छोट – क्षिण धिया – पुता केर मित्र मण्डली जमा अछि । ओ सभ एतबहु छोट नहि कि किछु नञि बुझल होइ । ओकरा सभ केँ ई तऽ बुझल छै कि रॉकेट नामक कोनो चीज़ होइत छै जे चान पर जा सकैत अछि आ मनुक्खो केँ लऽ जा सकैत अछि । ओकरा सभ केँ ईहो बुझल छै कि फटक्का मे रॉकेट नामक एकटा फटक्का होइत छै जे अकाश मे उड़ैत छै । पर ओ सभ एतबो पैघ नञि कि सभटा बात बुझले होइ । ओकरा सभ केँ ई नञि बूझल जे फटक्का वला रॉकेट नञि तऽ अपनहि चान पर जा सकैत अछि आ नहिञे ककरो चान धरि लऽ जा सकैत अछि । अपन घऽरक पैघ सदस्य द्वारा आनल फटक्का वला रॉकेट केँ देखि कऽ ई अबोध धिया – पुता सभ की की कल्पनाक उड़ान भरैत अछि से एहि बाल – गीत मे वर्णित अछि । देखल जाए :-
“विदेह” पाक्षिक मैथिली इ – पत्रिका, वर्ष – ४, मास – ४६, अंक – ९२, दिनांक - १५ अक्टूबर २०११ मे “बालानां कृते” स्तंभ मे प्रकाशित ।
दियाबातीक समय थिक । किछु छोट – क्षिण धिया – पुता केर मित्र मण्डली जमा अछि । ओ सभ एतबहु छोट नहि कि किछु नञि बुझल होइ । ओकरा सभ केँ ई तऽ बुझल छै कि रॉकेट नामक कोनो चीज़ होइत छै जे चान पर जा सकैत अछि आ मनुक्खो केँ लऽ जा सकैत अछि । ओकरा सभ केँ ईहो बुझल छै कि फटक्का मे रॉकेट नामक एकटा फटक्का होइत छै जे अकाश मे उड़ैत छै । पर ओ सभ एतबो पैघ नञि कि सभटा बात बुझले होइ । ओकरा सभ केँ ई नञि बूझल जे फटक्का वला रॉकेट नञि तऽ अपनहि चान पर जा सकैत अछि आ नहिञे ककरो चान धरि लऽ जा सकैत अछि । अपन घऽरक पैघ सदस्य द्वारा आनल फटक्का वला रॉकेट केँ देखि कऽ ई अबोध धिया – पुता सभ की की कल्पनाक उड़ान भरैत अछि से एहि बाल – गीत मे वर्णित अछि । देखल जाए :-
चन्ना मामा शोर करै छथि, बैसल आसमान पर |
चल रॉकेट ! उड़ान भर ।
लऽ चल हमरा चान पर ।
चन्ना मामा शोर करै छथि, बैसल आसमान पर ।।
मामा भेटथिन्ह, मामी भेटथिन्ह ।
नाना भेटथिन्ह, नानी भेटथिन्ह ।
नाना सँ खूब खिस्सा सुनबै, सूतए काल दलान पर ।।
मामा संगे सौंसे घुमबै ।
दुर्गा - पूजा मेला देखबै ।
नटुआ नाच, सिनेमा, नाटक, देखबै दुर्गा – थान तर ।।
कचड़ी खएबै, मुरही खएबै ।
रसगुल्ला बलुसाही खएबै ।
चूड़ा – दऽही – गरम जिलेबी, नथुनी साव दोकान पर ।।
ओहि ठाँ माएक दूध भात नञि ।
ओहि ठाँ बाबू, बहिन, भाए नञि ।
ओहि ठाँ हम ने रहबै हरदम, घुरि फेर अएबै गाम पर ।।
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