नभ श्याम, धरा श्याम, सभ श्यामल श्यामल
नभ श्याम, धरा श्याम, सभ श्यामल श्यामल |
नभ श्याम, धरा श्याम, सभ श्यामल श्यामल ।
आइ लगइ’छ प्रकृति श्याम रंग मे रँगल ।।
सुनि मुरलीक तान ।
एलीह राधा ओहि ठाम ।
प्रीति सरिता मे डूबि, भेलीह राधहु श्यामल ।
आइ लगइ’छ प्रकृति श्याम रंग मे रँगल ।।
श्याम श्यामक शरीर ।
श्याम यमुनाक नीर ।
पहीरि साँझक कलेवर , भेलीह वसुधहु श्यामल ।
आइ लगइ’छ प्रकृति श्याम रंग मे रँगल ।।
छवि सुन्नर सहज ।
मूँह रक्तिम जलज ।
रक्त कंज बीच खिलल युगल श्यामल कमल ।
आइ लगइ’छ प्रकृति श्याम रंग मे रँगल ।।
श्याम अलकक कुञ्ज ।
जेना भ्रमरक हो पुञ्ज ।
भासि राहु कोर, चान सेहो श्यामल श्यामल ।
आइ लगइ’छ प्रकृति श्याम रंग मे रँगल ।।
घीरि आयल पयोद ।
देखू नचइ’छ कामोद ।
छूबि श्याम, श्याम, श्याम भेल अनिलहु श्यामल ।
नभ श्याम, धरा श्याम, सभ श्यामल श्यामल ।।
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