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मिथिलाक पर्यायी नाँवसभ

मिथिलाभाषाक (मैथिलीक) बोलीसभ

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Sunday 14 February 2016

पद्य - ‍१५‍३ - बत्तख (बाल कविता)

बत्तख (बाल कविता)



हंस आ हंसकसँ हम छोट ।
ओकरा सभसँ कम्मे मोट ।
तइयो उड़ि नञि  पाबैत छी ।।*

हमरामे  बहुते वैविध्य ।
बेसीतर  नहिञे  उड़ैछ ।
जलक्रीड़ा  केर  आदति छी ।।*

नञि उड़ैछ बत्तख संज्ञा ।
जँ उड़ैछ  हंसक उपमा ।
उड़बासँ  हंस  कहाबैत छी ।।*

चितकाबर उज्जर कारी ।
पीयर  भूरा  मटियाही ।
पएर  पीयर - नारंगी  छी ।।*

पानिमे हेलएमे माहिर ।
डुम्मी काटएमे माहिर ।
उड़बा केर बदला इएह सही ।।*

अंडा छी कम्मे स्वादिष्ट ।
पर बूझू  बहुते पौष्टिक ।
तेँ अहँ पोषैत - पालैत छी ।।*



संकेत आ किछु रोचक तथ्य -

* - हंस ओ हंसक केर तुलनामे बत्तख बहुत छोट आ हल्लुक होइत अछि पर तइयो बेसीतर बत्तख उड़ि नञि पाबैत अछि ।

* - अंग्रेजीक DUCK शब्द केर क्षेत्र बहुत व्यापक अछि; तहिना मैथिलीक बत्तख केर क्षेत्र सेहो । एकर अन्तर्गत कतेको वंशक जलीय पक्षीक बहुतो जाति ओ प्रजाति आबेत अछि जाहिमे बेसीतर नञि उड़ि सकैत अछि ।

* -  DUCK या बत्तख शब्दक अन्तर्गत आबए बला बेसीतर चिड़ै उड़ि नञि पाबैत अछि । पर एकरहि अन्तर्गत उपविभाग SHELDUCK मे आबए बला चिड़ै नीक उड़ान भरैत अछि आ प्रवासी प्रकृतिक होइत अछि । मैथिलीमे प्रायः नञि उड़ि सकए बला DUCK केँ बत्तख कहल जाइत अछि पर उड़ए बला DUCK केँ व्यापक स्वरूपमे हंस कहि देल जाइत अछि । एहेन किछु DUCK  केर लेल मैथिलीमे विशिष्ट नाम सेहो अछि, यथा - चकेबा, सिल्ली आदि ।

* - देहक रंग जे हो पर अपना दिशि प्रायः बत्तखक पएरक रंग पीयर वा नारंगी सनि होइत अछि ।

*- ओना तँऽ प्रायः हर बत्तखमे कमोबेश हेलबाक आ गोंता लगएबाक क्षमता होइत अछि, पर समुद्री परिवेशमे भेटए बला बत्तख बहूत गँहीर गोंता लगाबएमे माहिर होइत अछि ।

*- जे केओ अण्डा खाइत छथि तनिका कथनानुसार बत्तखक अण्डा मुर्गीक अण्डाक अपेक्षा कम स्वादिष्ट होइत अछि । यूनानी आ पारम्परिक चिकित्सामे एकरा विशेष पौष्टिक ओ औषधीय गुण सम्पन्न मानल जाइत अछि ।



मैथिली पाक्षिक इण्टरनेट पत्रिका विदेह केर ‍195म अंक (‍01 फरबरी 2016) (वर्ष 9, मास 98, अंक ‍154) केर बालानां कृते स्तम्भमे प्रकाशित ।




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