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Sunday 14 February 2016

पद्य - ‍१५७ - पानिडुब्बी या मछरेंगा (बाल कविता)

पानिडुब्बी या मछरेंगा (बाल कविता)



मत्स्यरंक संस्कृतक छी हम, अंग्रेजीक किंगफिशर ।
पानिडुब्बी सभ लोक कहैए, मिथिला माटिक ऊपर ।।*

मछरेंगा सेहो हमरे नाम छी, संस्कृतहिसँ निकलल ।
दच्छिन-पूब विदेहक भू पर, नाम ईहो अछि भेटल ।।*

नील-हरित छी पीठ-पंख,  आ श्वेत श्याम वक्षोदर ।
लाल-नारंगी चटक रंग सेहो,  बीचमे फेंटल फाँटल ।।*

लाल-नारंगी-कत्थी-कारी,  चटक रंग  छी  लोलक ।
कायक तुलना पैघ लोल छी,  से अपनहुँकेँ बूझल ।।*

कएटा जाति-प्रजाति हमर,  सौंसे संसारमे पसरल ।
पर मिथिलासहिते भारतमे,   बेशी  एहने  भेटत ।।*

माछ प्रिय हमरा छी बहुत,  तेँ एहने सभटा नाम ।
बेरि - बेरि काटी हम डुम्मी,  पानिडुब्बी तेँ नाम ।।*

कोनहु जलाशय नहरि-नदी  वा पोखरि-डबरा-खत्ता ।
काते-काते  बैसल देखब,  झुकल गाछ वा खुट्टा ।।




संकेत आ किछु रोचक तथ्य -

* - मैथिलीमे एकर दू टा नाम अछि । पहिल अछि पानिडुब्बी चिड़ै (उच्चारण - पैनडुब्बी) जे कि माछ पकड़बा लेल बेर - बेर गोंता लगएबाक (वा झपट्टा मारबाक) कारण पड़ल होयत । दोसर पर्यायी नाम अछि मछरेंगा जे कि सम्भवतः संसकृत नाम मत्स्यरंक केर तद्भव रूप थिक ।

* - एकर किछु प्रजातिमे लालछौंह पीयर वा नारंगी रंग सेहो भेटैछ आन किछु प्रजातिमे नञि ।

* - पूरा शरीरक तुलनामे एकर लोल बेस नमगर, मोट आ ठोसगर बुझना पड़ैछ ।


*- विश्वमे पानिडुब्बी चिड़ै केर कएक टा जाति - प्रजाति पाओल जाइत अछि जाहिमे कोनहु पीयर रंगक तँऽ कोनहु नारंगी, कोनहु भूरा तँऽ कोनहु चितकाबर रंगक सेहो होइत अछि ।

मैथिली पाक्षिक इण्टरनेट पत्रिका विदेह केर ‍195म अंक (‍01 फरबरी 2016) (वर्ष 9, मास 98, अंक ‍154) केर बालानां कृते स्तम्भमे प्रकाशित ।



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