मृगतृष्णा मे
पानि तकै छी
मृगतृष्णा मे पानि तकै छी,
कोना भेटत से अँहीं कहू ?
छाँह पकड़बा केर इच्छा अछि,
कोना भेटत से अँहीं
कहू ??
अग्निराशि पर खाली
पएरेँ,
निःसंशय भऽ कोना
चलू ?
काँट भरल सभ
बाट-घाट मे,
बिनु आहत भऽ कोना
चलू ??
रोपल बाँस आ आम आश अछि,
फड़त कोना से अँहीं कहू ?
सौंसे विष केर
धार बहइए,
अमिय कहाँ से अँहीं
कहू ??
राति अन्हरिया, पुनमि
बाद पख,
चान भेटत कोना -
कतए कहू ?
धारक गति अतिप्रबल पूब दिशि,
जायब पच्छिम कोना
कहू ??
उच्चारण संकेत :-
क्रम संख्या
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लिखित शब्द
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अभिप्रेत उच्चारण
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१
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पानि
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पाइन, पइन, पैन
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२
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अछि
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अइछ
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३
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अग्निराशि
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अग्निराशि
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४
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राति
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राइत
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५
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अन्हरिया
|
अन्हरिया,
अन्हैरया
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६
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पुनमि
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पुनैम
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७
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गति
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गइत
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८
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अतिप्रबल
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अतिप्रबल,
अइतप्रबल
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९
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दिशि
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दिशि, दिश
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१०
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जानि
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जाइन
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११
|
कत’
|
कते
|
१२
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छाड़ि
|
छोइड़
|
१३
|
सनि
|
सइन, सन
|
१४
|
अतिशय
|
अतिशय, अइतशय
|
डॉ॰ शशिधर कुमर “विदेह”
एम॰डी॰(आयु॰) – कायचिकित्सा
“विदेह” पाक्षिक मैथिली इ – पत्रिका, वर्ष –५, मास –५८ , अंक –११६, १६ अक्टूबर २०१२ मे प्रकाशित ।

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