Pages

मिथिलाक पर्यायी नाँवसभ

मिथिलाभाषाक (मैथिलीक) बोलीसभ

Powered By Blogger

Wednesday, 17 May 2017

पद्य - २४० - गोहि (बाल कविता)

गोहि (बाल कविता)






संस्कृतक  जे गोधिका,
ताहिसँ निकसलि गोधि
ताहि गोधि केर  रूप छी,
मिथिलाभाषाक गोहि ।।

पैघ-पैघ गिरगिटक नाँओ,
सामुहिक  रूपसँ  गोहि ।
संसारक हर-एक  भागमे,
भाँति-भाँति  केर गोहि ।।*

थलचर जीव ई गोहि छी,
प्रायः   बिलमे   रहैछ ।
बाढ़ि  आ  बरखा कालमे,
बेसी   ओ    अभरैछ ।।*

किछु एहनहु छी गोहि जे,
पानिक   कात   रहैछ ।
गोंता मारि शिकार करैछ,
पानिमे   खूब  हेलैछ ।।*

बाध - बोन केर  बीचसँ,
सड़क - बाट जे जाइछ ।
तकरा  पार  करैत  ओ,
बहुधा  देखल  जाइछ ।।

गोहिमे किछु विषहीन छी,
आ किछु छी विषयुक्त ।
तेँ  जनमानस   धारणा,
गोहि  लेल  भययुक्त ।।*

इण्डोनेसियाक गोहि एक,
नाम  कॉमोडो ड्रेगन
गोहिमे सभसँ छी विशाल,
दैत्य गोहि ओ ड्रेगन ।।*





संकेत आ किछु रोचक तथ्य -

* - आइ - काल्हि ओना तँऽ मैथिलीमे गोहिसनगोहि पर्यायवाची शब्द जेकाँ प्रयुक्त होइत अछि । किछु लोकक निजी धारणा इहो छन्हि जे सनगोहि गोहिसँ बेसी विषाह होइत अछि …….. आदि, आदि । मुदा वास्तवमे गोहि एकटा व्यापक शब्द अछि आ बहुतहु पैघ-पैघ गिरगिटसभक (जे सामान्य गिरगिट सभसँ बेस पैघ होइत अछि) लेल सामुहिक रूपसँ मैथिलीमे प्रयुक्त होइत अछि । गोहिकेँ अंग्रेजीमे मॉनीटर लिजार्ड्स या वैरानस (MONITOR LIZARDS / VARANUSES) कहल जाइत अछि ।

* - विश्वक बेसीतर गोहि थलचर (TERRESTRIAL) होइत अछि, आ जमीन पर बिल (बियरि) बनाए अथवा प्राकृतिक रूपसँ बनल बिलमे अथवा आन प्राणीसभ द्वारा बनाओल आ छोड़ल बिलमे रहैत अछि ।

* - किछु गोहि वृक्षाश्रयी (ARBOREAL) ओ आन किछु उभयचरी (AMPHIBIOUS) अर्थात् थल ओ जल दूनूमे विचरण करएबला होइत अछि । उभयचरी गोहि सेहो जमीनहि पर बिल बनाए रहैत अछि, मुदा पानिमे हेलि शिकार करबामे माहिर होइत अछि ।

* - विश्वक बेसीतर गोहि विषहीन होइत अछि, मुदा किछु प्रजाति विषयुक्त । मुदा मिथिला सहित पूरा भारतक जनमानसमे ई धारणा प्रबल अछि जे गोहि अतिशय विषयुक्त ओ बयानक प्राणी अछि । जकर कारणमेसँ किछु निम्न प्रकारेँ भऽ सकेत अछि -

·        गोहि केर हवामे लपलपाइत द्विभाजित जीह, साँप सदृश भयोत्पादक लगैछ
·        गोहि केर आकार गिरगिटसँ बहुत पैघ होयब
·        गोहि ओ साँपक अवास क्षेत्रमे समानता होयब
·        विषहीन ओ विषयुक्त गोहि केर पहिचान जन सामान्यक बीच नयि होयब
·        सम्भवतः ऐतिहासिक समएमे विषयुक्त गोहिक संख्या आजुक समएसँ बहुत बेसी होयब, आदि ।

              किछु लोकक कहब अछि जे गोहि जँ मनुक्ख वा सूतल नेनाकेँ फूकि दैत अछि तँऽ ओहि मनुक्ख वा नेनाक शरीर फुलि जाइत अछि जाहिसँ बादमे ओकर मृत्यु भए जाइछ वा जँ जिउतहु अछि तँऽ कोनहु काजक नञि रहि जाइछ । मुदा, यथार्थमे से नञि (अपवाद - दैत्य गोहि, मुदा भारतमे ओ ने तँऽ कहियो छल आ ने आइ अछि) होइत अछि ।

*- इण्डोनेसिया नामक देशक एक गोट निर्जन द्वीप पर कॉमोडो ड्रेगन (COMODO DRAGON) नामक विशालकाय ओ महाविषयुक्त गोहि पाओल जाइत अछि जकरा मैथिलीमे दैत्य गोहि कहि सकैत छी । ई दुनिञाक सभसँ पैघ गोहि अछि मुदा ओहि तथाकथित द्वीपक अतिरिक्त दुनिञामे आन कतहु नञि पाओल जाइत अछि ।


मैथिली पाक्षिक इण्टरनेट पत्रिका विदेह केर ‍225म अंक (‍01 मई 2017) (वर्ष 10, मास 113, अंक ‍225) केर बालानां कृते स्तम्भमे प्रकाशित ।



No comments:

Post a Comment