ठिकठिकिआ / ठिकठिकिया
(बाल कविता)
गिरगिट छी,
पर नञि छी
गिरगिट,
या छी घरैया
गिरगिट ।
“ठिकठिकिआ” सभ लोक कहैए, छी से “घरैया गिरगिट” ।।*१
घरक भीत - देबाल आदि पर
सदिखन भेटत ।
कोनहु इजोतक, लऽग - पासमे, अनुखन देखब ।
कीड़ी - फतिङ्गी लगीच इजोतक, खाए ठिकठिकिआ गिरगिट ।
“ठिकठिकिआ” सभ लोक कहैए, छी से “घरैया गिरगिट” ।।
बदलए चामक रंग, सहज गुण -
से एकरामे ।
मुदा कने कमतर, बड़का
गिरगिट तुलनामे ।*२
बहुत प्रकारक
विश्वमे होइए, ई ठिकठिकिआ
गिरगिट ।
“ठिकठिकिआ” सभ लोक कहैए, छी से “घरैया गिरगिट” ।।
खतरा बुझने, पछिला नाङरि,
चट दए छोड़ैछ ।
छटपटाइत ओ नाङ्गरि,
दुश्मनसबकेँ धोखबैछ ।
प्राण बचाए
भागैछ बेचारा, नाङ्गरिकट्टा
गिरगिट ।*३
“ठिकठिकिआ” सभ लोक कहैए, छी से “घरैया गिरगिट” ।।
रातिचर ई गिरगिट, तेँ
रातिमे, बेसी अभरैछ ।
वा दिनहु, अन्हार दोग
दिशि, भागैत देखबैक ।
ठिक-ठिक-ठिक केर ध्वनिक कारणेँ, छै ठिकठिकिआ गिरगिट ।*४
“ठिकठिकिआ” सभ लोक कहैए, छी से “घरैया गिरगिट” ।।
संकेत आ किछु
रोचक तथ्य -
*१ - सामान्य
मैथिलीमे एकरा सेहो गिरगिट कहि देल जाइत अछि, किछु हद धरि से ठीकहु अछि, मुदा गलत
सेहो । गिरगिटसँ अवश्यहि किछु विशिष्ट अन्तर अछि आ तेँ गिरगिटसँ पार्थक्य देखएबाक
लेल एकरा “घरैया
गिरगिट” (HOUSE LIZARD) कहल जाइत अछि ।
गाम घऽरमे एकरा ठिकठिकिआ या ठिकठिकिया (COMMON HOUSE GECKO) सेहो कहल जाइत
अछि ।
*२ - एकर चामक रंग
माटि या गोबरसँ नीपल भीतक देबालक रंगमे छपएबला होइत अछि । एकरहुमे रंग बदलबाक
क्षमता रहैत अछि, मुदा गिरगिट (CHAMELEON) केर तुलनामे एहि
तरहक समायोजनक क्षमता बहुत कम होइत अछि ।
*३ - गिरगिट (CHAMELEON) अपना सुरक्षाक लेल चामक रंग बदलि छलावरण
या छद्मावरण (CAMOUFLAGE) केर सहारा लैत
अछि । जखनि कि ठिकठिकिआ (HOUSE LIZARD / COMMON HOUSE GECKO) आवश्यकता पड़ला
पर अपन नाङ्गरिक पछिला हिस्साकेँ अपन शरीरसँ अलग कऽ दैत अछि । धऽरसँ अलग भेल
नाङ्गरि कने काल धरि छटपटाइत रहैत अछि जाहिसँ ठिकठिकिआक दुश्मन शिकारी जीव ओहिमे
ओझराए जाइत अछि आ ठिकठिकिआ अपन जान बचाए भागि जाइत अछि । बादमे किछु दिन वा
महीनामे ओ कटलाहा नाङ्गरि पुनः बढ़ि पहिने जेकाँ भऽ जाइत अछि ।
*४ - ई रातिचर
प्राणी अछि आ दिनमे अन्हार जगह पर कोण-दोगमे नुकाएल रहैत अछि । तेँ अंग्रेजीमे
एकरा “मून
लिजार्ड / लिजर्ड” (MOON LIZARD) सेहो कहल जाइत
अछि । ई एक प्रकारक ध्वनि निकालैत अछि जे सुनबामे मैथिलीक “ठिक-ठिक-ठिक” ध्वनि सन लगैत
अछि । तेँ मैथिलीमे एकर नाम ठिकठिकिआ (या
ठिकठिकिया) पड़ल होयत । मिथिला सहित पुबारी ओ उतरबारी भारतक आन बहुत
रास क्षेत्र सभक जन सामान्यमे ई धारणा अछि कि कोनहु बातकेँ बजबा काल जँ ठिकठिकिआ “ठिक-ठिक-ठिक” ध्वनि बहार करैत
अछि तँ ओ बात या तँऽ सत्य अछि या भविष्यमे सत्य होयत । ओना एहि धारणाक कोनहु
वैज्ञानिक आधार नञि अछि, एहि ठाम बस प्रसंगवश उल्लेख कएल गेल अछि । अंग्रेज आ
यूरोपीय लोक सभ ठिकठिकिआक ध्वनिकेँ “Gecko,Gecko,Gecko” सन बुझैत छथि आ
तेँ एकर नाम GECKO / GEKKO राखि देल ।
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मैथिली
पाक्षिक इण्टरनेट पत्रिका “विदेह” केर 225म अंक (01 मई 2017) (वर्ष 10, मास 113, अंक 225) केर “बालानां कृते” स्तम्भमे प्रकाशित ।
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