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Wednesday, 17 May 2017

पद्य - २३९ - ठिकठिकिआ / ठिकठिकिया (बाल कविता)

ठिकठिकिआ / ठिकठिकिया (बाल कविता)






गिरगिट छी,
पर नञि छी गिरगिट,
या छी घरैया गिरगिट ।
ठिकठिकिआ  सभ लोक कहैए,  छी से घरैया गिरगिट ।।*‍१

घरक भीत - देबाल आदि पर सदिखन भेटत ।
कोनहु इजोतक, लऽग - पासमे, अनुखन देखब ।
कीड़ी - फतिङ्गी लगीच इजोतक, खाए ठिकठिकिआ गिरगिट ।
ठिकठिकिआ  सभ लोक कहैए,  छी से घरैया गिरगिट ।।

बदलए चामक रंग, सहज गुण - से एकरामे ।
मुदा कने कमतर, बड़का गिरगिट  तुलनामे ।*
बहुत  प्रकारक  विश्वमे  होइए,  ई  ठिकठिकिआ गिरगिट ।
ठिकठिकिआ  सभ लोक कहैए,  छी से घरैया गिरगिट ।।

खतरा बुझने, पछिला नाङरि, चट दए छोड़ैछ ।
छटपटाइत ओ नाङ्गरि, दुश्मनसबकेँ धोखबैछ ।
प्राण   बचाए   भागैछ   बेचारा,  नाङ्गरिकट्टा  गिरगिट ।*
ठिकठिकिआ  सभ लोक कहैए,  छी से घरैया गिरगिट ।।

रातिचर ई गिरगिट, तेँ रातिमे, बेसी अभरैछ ।
वा दिनहु, अन्हार दोग दिशि, भागैत देखबैक ।
ठिक-ठिक-ठिक केर ध्वनिक कारणेँ, छै ठिकठिकिआ गिरगिट ।*
ठिकठिकिआ  सभ लोक कहैए,  छी से घरैया गिरगिट ।।



संकेत आ किछु रोचक तथ्य -

* - सामान्य मैथिलीमे एकरा सेहो गिरगिट कहि देल जाइत अछि, किछु हद धरि से ठीकहु अछि, मुदा गलत सेहो । गिरगिटसँ अवश्यहि किछु विशिष्ट अन्तर अछि आ तेँ गिरगिटसँ पार्थक्य देखएबाक लेल एकरा घरैया गिरगिट (HOUSE LIZARD) कहल जाइत अछि । गाम घऽरमे एकरा ठिकठिकिआ या ठिकठिकिया (COMMON HOUSE GECKO) सेहो कहल जाइत अछि ।

* - एकर चामक रंग माटि या गोबरसँ नीपल भीतक देबालक रंगमे छपएबला होइत अछि । एकरहुमे रंग बदलबाक क्षमता रहैत अछि, मुदा गिरगिट (CHAMELEON) केर तुलनामे एहि तरहक समायोजनक क्षमता बहुत कम होइत अछि ।

* - गिरगिट (CHAMELEON) अपना सुरक्षाक लेल चामक रंग बदलि छलावरण या छद्मावरण (CAMOUFLAGE) केर सहारा लैत अछि । जखनि कि ठिकठिकिआ (HOUSE LIZARD / COMMON HOUSE GECKO) आवश्यकता पड़ला पर अपन नाङ्गरिक पछिला हिस्साकेँ अपन शरीरसँ अलग कऽ दैत अछि । धऽरसँ अलग भेल नाङ्गरि कने काल धरि छटपटाइत रहैत अछि जाहिसँ ठिकठिकिआक दुश्मन शिकारी जीव ओहिमे ओझराए जाइत अछि आ ठिकठिकिआ अपन जान बचाए भागि जाइत अछि । बादमे किछु दिन वा महीनामे ओ कटलाहा नाङ्गरि पुनः बढ़ि पहिने जेकाँ भऽ जाइत अछि ।

* - ई रातिचर प्राणी अछि आ दिनमे अन्हार जगह पर कोण-दोगमे नुकाएल रहैत अछि । तेँ अंग्रेजीमे एकरा मून लिजार्ड / लिजर्ड (MOON LIZARD) सेहो कहल जाइत अछि । ई एक प्रकारक ध्वनि निकालैत अछि जे सुनबामे मैथिलीक ठिक-ठिक-ठिक ध्वनि सन लगैत अछि । तेँ मैथिलीमे एकर नाम ठिकठिकिआ (या ठिकठिकिया) पड़ल होयत । मिथिला सहित पुबारी ओ उतरबारी भारतक आन बहुत रास क्षेत्र सभक जन सामान्यमे ई धारणा अछि कि कोनहु बातकेँ बजबा काल जँ ठिकठिकिआ ठिक-ठिक-ठिक ध्वनि बहार करैत अछि तँ ओ बात या तँऽ सत्य अछि या भविष्यमे सत्य होयत । ओना एहि धारणाक कोनहु वैज्ञानिक आधार नञि अछि, एहि ठाम बस प्रसंगवश उल्लेख कएल गेल अछि । अंग्रेज आ यूरोपीय लोक सभ ठिकठिकिआक ध्वनिकेँ “Gecko,Gecko,Gecko” सन बुझैत छथि आ तेँ एकर नाम GECKO / GEKKO राखि देल ।
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मैथिली पाक्षिक इण्टरनेट पत्रिका विदेह केर ‍225म अंक (‍01 मई 2017) (वर्ष 10, मास 113, अंक ‍225) केर बालानां कृते स्तम्भमे प्रकाशित ।




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