भेटत मजूर कतऽ - मिथिलाकेर
बच्चा
चुनावक बोखार छै,
सभ केओ बेहाल छै,
तकनहु भेटैछ केओ, नेता ने सुच्चा ।।
मिथिलाक आँच पर,
रोटी अछि सेकि रहल,
मिथिलेकेँ बेचि रहल, लबड़ा आ लुच्चा ।।
भाषणमे मिथिला छै,
भाषणमे मैथिली,
घऽर ओकर – मैथिली
बूझय ने बच्चा ।।
मिथिलाक जनगण छै,
दिल्ली आ पटना लए,
भोटक जोगार बस, जीत बुझू पक्का ।।
योजनाक बात भेल,
देशक बिकाश लेल,
भेटत मजूर कतऽ - मिथिला केर बच्चा
।।
देशक अजादी केर,
सत्तरि अछि लागि रहल,
पर ने उद्योग एतए, नहिञे छी धन्धा ।।
सरकारक नीति ई,
नञि जानि केहेन छी,
भोगि रहल कुहरि रहल, मिथिलाक बच्चा ।।
प्रदेशक जबार भल,
मिथिलाक पात पर,
मड़ुआक रोटी अछि, माँगू ने कुच्चा ।।
आन भाग देशक,
जोगार करए पेटक,
पोल्हाबए कुटुमे छऽ, देशे समुच्चा ।।
हर भाग देशक,
जँ बनतै उत्पादक,
तँऽ तोँही कहह, के हेतै उपभोक्ता
।।
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