सभ हीलि – मीलि कऽ
गाउ
(गीत)
ढोल – डम्फा बजाउ ।
जुनि कनिञो लजाउ ।
आयल होलीक
तिहार, रंग – अबीर लगाउ ।।
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सभ हीलि – मीलि कऽ गाउ ।
खुशी सरगम
सजाउ ।
आयल होलीक
तिहार, रंग – अबीर लगाउ ।।
आयल बसन्त, बहए मलयक बसात ।
प्रकृति कामिनी कयल सोलहो
शिंगार ।
नृप *– आसन लगाउ ।
घर – आङ्गन सजाउ ।
आयल होलीक
तिहार, रंग – अबीर लगाउ ।।
वृद्ध हो, बालक हो,
युवा हो या युवती ।
सभमे जुआनी अछि, सभमे अछि
मस्ती ।
ढोल – डम्फा बजाउ ।
जुनि कनिञो लजाउ ।
आयल होलीक
तिहार, रंग – अबीर लगाउ ।।
अवधपुरी मे
खेलथि लक्ष्मण, सीता
केर संग होरी ।
मिथिलो मे अछि नामी सभतरि,
दियऽर भाउजि केर जोड़ी ।
भौजी ! एम्हर
आउ ।
जुनि घऽर मे नुकाउ ।
आयल होलीक
तिहार, रंग – अबीर लगाउ ।।
* नृप = ऋतुपति राज बसन्त
बहुत सुन्दर गीत..!!
ReplyDeleteहोरीक बहुत-बहुत शुभकामना...
बहुत बहत धन्यवाद विकास जी ।
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