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मिथिलाभाषाक (मैथिलीक) बोलीसभ

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Saturday 3 April 2021

पद्य - २४‍४ - श्वसन (बाल कविता)

 श्वसन (बाल कविता)










साँस लेबा - छोड़बाकेर उपक्रम, छी नञि मात्र श्वसन

श्वासोच्छवासक क्रिया कहाबैछ,  जकरा  बुझी  श्वसन ।।

 

शोषण नञि ई श्वसन छियै,  जे होइछ कोशिका - अन्दर ।

ऑक्सीजन  ग्लूकोजक  युतिसँ,  ऊर्जा  दैछ  निरन्तर ।।

 

हरियर गाछ आ आन जीवसभ, साँसमे लैछ ऑक्सीजन ।

श्वसन क्रिया उपयोग करैतछि,  इएह लेल ऑक्सीजन ।।

 

कार्बन-डाइ-ऑक्साइड  बनैतछि,  संगमे  बहुते   ऊर्जा ।

ए॰ टी॰ पी॰  ऊर्जा - भण्डारक,   बेर - बेगरतेँ   खर्चा ।।

 

ओएह ऊर्जा जे  रहैछ जिअओने,  जीवकेँ एहि धरतीपर ।

ए॰ टी॰ पी॰सभ  बान्हि  राखैछ,  ऊर्जाकेँ अपना भीतर ।।

 

ऊर्जाकेर  टाका  अहँ  बुझू,  ए॰ टी॰ पी॰  थिक  नाम ।

ऊर्जा  दैछ   जीव - कायकेँ,  यथासमए   ठाम ।।

 

श्वसन क्रिया छी  दुई प्रकारकेर,  उपप्रकार पुनि कएटा ।

दुई प्रकार  ऑक्सी आ अनॉक्सी,  चरण  दूनूकेर दूटा ।।

 

ग्लाइकोलिसिस  पहिल चरण छी,  दुहुमे करीब समानें ।

दोसर  चरणमे  बेस फरक छी,  तकरे  आधृत  नामें ।।

 

ऑक्सीजन पर्याप्त रहैछ तँऽ,  ऑक्सी श्वसनक प्रक्रम ।

ग्लाइकोलिसिस बाद  घटैतछि,  क्रैब-चक्रकेर  उपक्रम ।।

 

ऑक्सी श्वसन छी  मुख्य प्रक्रिया, ऊर्जा निकसैछ खूब ।

एखना धरतीपर  बेसीतर,  श्वसनक  इएह  छी  रूप ।।

 

ऑक्सीजनकेर  सीमित मात्रा,  अन-ऑक्सी लेल न्योंत ।

आकस्मिक विपरीत समएलेल, किछु कालक छी व्योंत ।।

 

कोशिकीय    श्वसन  प्रक्रिया,   कोशामध्य  घटैछ ।

कार्बन-डाइ-ऑक्साइड बनैछ  जे,  जीव  साँस  छोड़ैछ ।।

 

अवशोषित  आहार  रसक  छी,   ऊर्जामे   परिवर्तन ।

परिवर्तित  ऊर्जासँ  जीवन - शक्तिक  छी  अनुरक्षण ।।

 

नोट -

·        कोशिका / कोशा / कोश = CELL / BIOLOGICAL CELL (In ENGLISH)

·        श्वासोच्छवास (+निःश्वास) = साँस छोड़ब (+साँस लेब) = To EXHALE (+ To INHALE) = To RESPIRE / RESPIRATION

·        किछु अवायवीय जीवाणुकेँ (ANAEROBIC BACTERIA) छोड़ि दुनिञाक सभ जीव (चाहे ओ गाछ-बिरिछ होअए वा जन्तु) श्वसन क्रियामे ऑक्सीजनहिकेर (O2) उपयोग करैत अछि आ ऊर्जाक संग सह उत्पादक (BYPRODUCT) रूपमे कार्बन-डाइ-ऑक्साइड (CO2) दैत अछि ।

 

 


20/03/2018 कऽ ई-मेलक माध्यमसँ मैथिली साहित्य मंच हैदराबाद-सिकन्दराबादसँ प्रकाशित देसिल बयना नामक स्मारिकाकेँ प्रकाशनार्थ प्रेषित । (बादमे प्रकाशित सेहो) ।










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