तेन्दुआ
या तेनुआ (बाल कविता)
किछु-किछु बाघहि सनि लगैत
छै,
किछु मिलैत अछि चीतासँ ।
पानिमे बाघहि सनि हेलैत अछि,
रंग मिलैत अछि चीतासँ ।।
चित्रकाय छै चीतहि सनि,
मुदा
करिया धब्बा गोल ने छै ।*१
गाछ चढ़एमे बहुतहि
माहिर,
पैघ बिलाड़िमे जोड़ ने छै
।।*२
गाछ चढ़ैछ झट
मूँहमे धएने,
मूइल बहुत भारी शिकार ।
छीनि सकैछ ने बाँटि सकैतछि,
आन केओ मूहँक आहार ।।
गाछक मोटका डाढ़ि पर बैसल,
भक्षण करैछ शिकार ओ ।
दिनभरि सूतल रहइछ ओहि
ठाँ,
उतरैछ साँझ अन्हार ओ ।।
बाघ - सिंह - चीतासँ छोट छै,
लागैत छै जगुआर जेकाँ ।
एक जँ रहितए दुहु टा दुनिञा,
अलग फेर जगुआर कहाँ !! *३
तेनुआ भेटैछ एसिया - अफ्रिका,
विविध क्षेत्र - जलवायुमे
।
बारल छै बस क्षेत्र विषम अति,
मरू - हिम जलवायु जे ।।
“हिम-तेनुआ” अलगहि छी
प्राणी,
भेटैछ ऊँच
पहाड़ पर ।*४
ओतबहि अलग ओ छी तेनुआसँ,
जतबा चीता - बाघसभ ।।
संकेत आ किछु
रोचक तथ्य -
*१ - प्राचीन
संस्कृतक “चित्रकः” वा “चित्रकायः” शब्दमे आजुक “चीता” सेहो आबैत छल आ “तेन्दुआ या तेनुआ” सेहो । किछु लोक
संस्कृतक “तरक्षुः” शब्दसँ तेन्दुआ
मानैत छथि पर तरक्षुः चीता आ बाघ आदि लेल सेहो आयल अछि । हिन्दीमे सेहो “तेन्दुआ” शब्दक आगमनक
श्रोत स्पष्ट नञि अछि; सम्भवतः कोनहु जनजातीय भाषा वा बोलीसँ आयल छल आ ओतहिसँ
मैथिलीमे सेहो आयल । मैथिलीमे “तेन्दुआ” शब्द यथावत
प्रयुक्त होइत अछि जकर उच्चार भेद (PHOENETIC VARIANT) “तेनुआ” सेहो अछि ।
*३ - पैघ बिलाड़िसभमे तेन्दुआक अतिरिक्त मात्र जगुआर गाछ पर चढ़ि पाबैत अछि । जँ पुरना आ नबका दुनिञा कोनहु स्थल मार्ग द्वारा परस्पर जुड़ल रहैत तँऽ सम्भवतः तेन्दुआ ओ जगुआर अलग - अलग प्राणीक रूपमे नञि विकसित भेल रहैत ।
*४ - “हिम तेन्दुआ” (या हिम तेनुआ) नामक जन्तु “तेन्दुआ” (या तेनुआ) केर कोनहु प्रजाति नञि छी अपितु एक गोट स्वतन्त्र मांसुभक्षी जन्तु छी । ओहि दूनूमे ओतबहि अन्तर अछि जतबा कि तेन्दुआ ओ आन पैघ बिलाड़ि (बाघ, सिंह, जगुआर, चीता) सभमे अछि । “हिम तेन्दुआ” (Eng. - SNOW LEOPARD / OUNCE) (Bio. Name - Panthera uncia syn. Uncia uncia) भारतमे मात्र हिमालय पर्वत श्रेणीक 3000 मीटर सँ 4,500 मीटर (9,800 फीट सँ 14,800 फीट) केर ऊँचाई धरि भेटैत अछि । भारतक अतिरिक्त प्राकृतिक रूप सँ ओ नेपाल, भूटान, चीन, मंगोलिया, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गीस्तान, ताज़िकिस्तान आ उजबेकिस्तान देशमे पाओल जाइत अछि ।
मैथिली
पाक्षिक इण्टरनेट पत्रिका “विदेह” केर 210म अंक (15 सितम्बर 2016) (वर्ष 9, मास 105, अंक 210) केर “बालानां कृते” स्तम्भमे प्रकाशित ।
No comments:
Post a Comment