गीत -
गजल
अहँ कहैत छी,  गजल
कहू,  हे यौ  गीत  किए
 सुनबै छी ।
हम कहैत छी,  गीत
लिखब,  हम गीते   गजल  बुझै
छी ।।
अहँ कहैत छी,  हमर  गीतमे,  गजलक  कए
- ठाँ  आभा ।
हम कहैत छी,  गजल  छी  गीते,  गीत
 काव्यकेर  झाबा ।।
अहँ कहैत छी, गजल गजल छी,  गजलक नञि छी पड़तर ।
हम कहैत छी,  सब
अनूप छी,  एकक  सम  कहँ  दोसर ।।
अहँ कहैत छी,  गजल  अलग  छी,  गजल विशिष्ट मनोहर ।
हम कहैत छी, गजल  गीत  केर,  विशिष्ट
रूप एक सुन्नर ।।
अहँ कहैत छी,  गजल -
व्याकरण,  गीतक  की  परिभाषा ?
हम  कहैत  छी,  गेय
 गीत  छी,  जगजीतक
 वा  आशा ।।
28 DEC. 2014  कऽ प्रकाशनार्थ “पुर्वोत्तर मैथिल
(समाज)” केर सम्पादकीय कार्यालयकेँ प्रेषित ।
 


 
 
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