भाषा
हमर पुरान अछि (कविता)
भाषा हमर
पुरान अछि ।
हमरा तकर गुमान
अछि ।
मैथिली कोकिल आ कविशेखर
केर रचना पहिचान अछि ।।
भक्ति-सिंगारक रसमे डूबल
।
शेष रसक पँचफोड़ना छीटल ।
कुञ्जभवन-साड़ी-गिरिधारी,
की एतबहि पहिचान अछि ??
साहित्यक भण्डार बेस छै ।
जनसंख्या आधार बेस छै ।
मुदा पढ़ौनीमे तइयो नञि,
भेटि रहल स्थान अछि ।।
क्षेत्र रहल दर्शन ओ
ज्ञानक ।
रहल भूमि नाना विज्ञानक ।
मैथिलीक साहित्य जगतमे, तकर शुन्य स्थान अछि ।।
जँ ई छी जनजन केर भाषा ।
जँ निष्प्राण भेल नञि
भाषा ।
तखन किए हर
पत्र-पत्रिकाक, अबटी खेत परान अछि ।।
विद्वानक भाषा
संस्कृत ।
अंग्रेजी - हिन्दी सेहो नीक ।
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