बाघ (बाल
कविता)
राजा मरि गेल, राज तँऽ अछिए ।
सिंह मूइल सनि,
बाघ तँऽ अछिए ।
जाहि जंगलमे सिंह
अलोपित, ताहि ठाँ राजा बाघ तँऽ अछिए ।।*१
सिंहक छल साम्राज्य
विश्व भरि ।
कहियो ओतबा नञि
छल बाघक ।
सत्ता पलटल, सिंह
बिलटि गेल, बिलटल तइयो बाघ तँऽ अछिए ।।*२
सभसँ पैघ बिलाड़ि बाघ छी ।
तदनन्तर सिंहक
अछि पदवी ।
पर जे हो, सौंसे
जंगलमे, मार्यारक साम्राज्य
तँऽ अछिए ।।
भारत, दच्छिन−पूब
एसिया ।
हिन्द-पड़ोसी आ
साइबेरिया ।
एसियाक ओ मात्र
धरोहरि, दुनिञा भरिमे धाख तँऽ
अछिए ।।*३
चामक रंग छै लाल - नारंगी ।
ताहि पर कारी - कारी पट्टी ।
पेट, गाल,
नाङ्गरि छी उज्जर; कारी धारीक छाप तँऽ अछिए ।।
जे कहबैछ
बंगालक बाघ ।
छी पूरा
भारत केर बाघ ।
अंग्रेजक देल नाम
ई भ्रामक, ऊघैत एखनहु बाघ तँऽ अछिए ।।*४
नगर वाल्मीकि
भारत केर छी ।
चितवन - परसा
नेपालक छी ।
पछबारी मिथिला
गण्डक तट, एखनहु शोभित बाघ तँऽ अछिए ।।*५
सभ बिलाड़िकेँ पानिक डऽर ।
एकरा तक्कर डऽर
ने भऽर ।
सुन्दरवन गंगा -
तिमुहानी, दलदल तइयो बाघ तँऽ अछिए ।।*६
संकेत आ किछु
रोचक तथ्य -
*१ - पहिने समस्त
भारतवर्षमे सिंहक साम्राज्य छल । एक्कहि जंगलमे सिंह (LION, Panthera leo) आ बाघ (TIGER/TIGRE,
Panthera tigris) दूनू रहैत छल आ
ताहि समएमे सिंहकेँ जंगलक राजा कहल जाइत छल । धीरे - धीरे शिकारक कारण सिंहक
संख्या बहुत तेजीसँ घटल । घटल तँऽ बाघक संख्या सेहो, मुदा सिंह अपेक्षा कम तेजीसँ
। आ जाहि ठाम सिंह अलोपित भऽ गेल ताहि जंगलक राजा बाघकेँ कहल जाए लागल ।
अछिअहि = (अछिअ + इ + ह) = (अछिए + ह) = (अछिए + ……… ह केर लोप) = अछिए
|
*२ - बहुत पहिने सिंहक साम्राज्य बाघक तुलनामे बहुत विस्तृत छल । सिंह पहिने सम्पुर्ण
भारतवर्षक जंगलमे पर्याप्त मात्रामे (सम्भवतः बाघसँ बेसी मात्रामे) छल । समय बदलल,
परिस्थिति उनटि गेल आ आब गुजरातक गिरिवनकेँ छाड़ि सिंह समूचा भारतक जंगलसँ अलोपित
भऽ गेल । सिंहक तुलनामे बाघक स्थिति भारतमे बहुत बेसी नीक अछि । आ सिंहक
अनुपस्थितिमे बाघहि जंगलक राजा भेल ।
*३ - बाघ प्राकृतिक
रूपसँ मात्र एसिया महादेशमे भेटैत अछि । भारतक संगहि भारतक पड़ोसी देशसभ, आन
दच्छिन-पूब एसियाक देशसभ आ रूसक साइबेरिया प्रदेशक दच्छिन-पूब भागमे भेटैत अछि ।
तेँ ओ खास तँऽ अछिए ।
*४ - ईस्ट इण्डिया
कम्पनीक बंगाल स्टेटमे ताहि समय आजुक पच्छिम बंगालक अतिरिक्त बिहार (मिथिला सहित),
उड़ीसा आ बाङ्ग्ला देश अबैत छल । ओ लोकनि सुन्दरवनमे बाघकेँ देखि कऽ ओकर नाम “रॉयल बंगाल टाइगर (ROYAL BENGAL TIGRE)” राखि देलन्हि जखनि कि ताहि समयमे बाघ
समस्त अविभाजित भारतक जंगलसभमे सामान्य रूपसँ भेटैत छल । ताहि समय अपना दिशि भेटए
बला बहुत रास जीव-जन्तु ओ गाछ-बिरिछक नाम बंगालक नामसँ राखि देल गेल जे भ्रामक छल
आ अछि । तहिना ई बाघ सेहो । कोनहु जैववैज्ञानिक नाँओमे जञो “बेंगालेन्सिस (bengalensis / benghalensis)” प्रत्यय जुड़ल होअए तँऽ बेसी सम्भावना जे ओ जैव-जाति वा
प्रजाति अपना दिशि सेहो सामान्य रूपसँ भेटैत होयत ।
*५ - मिथिलाक पछबारी
सीमा पर गण्डकक तट पर अवस्थित जंगलसभमे एखनहु बाघकेँ देखल जा सकैत अछि । पच्छिम
चम्पारणक “वाल्मीकि राष्ट्रिय उद्यान” (VALMIKI NATIONAL PARK &
WILDLIFE SANCTUARY) केर “वाल्मीकि बाघ रिजर्व” (VALMIKI TIGER RESERVE / VTR) भारतमे बाघक प्रमुख प्राकृतिक आवास क्षेत्रमेसँ एक अछि । एकरहि ठीक उत्तर भऽर नेपालक
सीमामे अवस्थित “चितवन राष्ट्रिय निकुञ्ज” (CHITWAN NATIONAL PARK) आओर “पर्सा वन्यजन्तु आरक्ष” (PARSA WILDLIFE RESERVE) सेहो बाघक प्राकृतिक आवास क्षेत्र अछि । एहिमेसँ चितवन राष्ट्रिय निकुञ्जकेँ युनेस्को (UNESCO) द्वारा विश्व सम्पदा क्षेत्र (WORLD HERITAGE SITE) केर श्रेणीमे सम्मिलित कएल गेल अछि । वास्तवमे ई
तीनू वन्य क्षेत्र मीलि कऽ एक गोट बाघ आरक्ष एकाई केर रचना करैछ जकरा “चितवन-पर्सा-वाल्मीकि बाघ
आरक्ष एकाई” (CHITWAN-PARSA-VALMIKI TIGER CONSERVATION UNIT or CPV-TCU) कहल जाइत अछि ।
*६ - बिलाड़ि कुलक आन सदस्य सभकेँ पानिसँ बड़ डऽर होइत अछि । “तीतल बिलाड़ि” - एक गोट
प्रशिद्ध कहबी छै । मुदा “बाघ” आ “जगुआर” एहेन सदस्य अछि जकरा पानिसँ डऽर - भऽर नञि होइत छै । ई दूनू पानिमे बहुत दूर धरि आ बहुत काल धरि हेलि सकैत
अछि । तेँ बाघकेँ सुन्दरवन सनि तिमुहानीक
(DELTA) दलदली क्षेत्रमे सेहो कोनहु असौकर्य नञि होइत छै ।
मैथिलीमे “बग्घो” शब्द बाघक
काव्यात्मक या दुलारक नाँओ थिक ।
मैथिली
पाक्षिक इण्टरनेट पत्रिका “विदेह” केर 210म अंक (15 सितम्बर 2016) (वर्ष 9, मास 105, अंक 210) केर “बालानां कृते” स्तम्भमे प्रकाशित ।
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