सखि तोहर मुखक तुलना के कर
सखि तोहर मुखक तुलना के कर ।
सखि तोहर मुखक तुलना
के कर ।।
रवि
ज्योतिर्मय,
सुन्नर अतिशय ।
पर किरणक ताप, प्रचण्ड प्रखर ।
सखि तोहर मुखक तुलना
के कर ।।
शशि
अतिव धवल,
अतिशय शीतल ।
पर अति
कठोर, केवल प्रस्तर ।
सखि तोहर मुखक तुलना
के कर ।।
जँ
कही जलज,
नहि उचित तदपि ।
हो विकसित रूप ने
बिनु दिनकर ।
सखि तोहर मुखक तुलना
के कर ।।
तोँ
छेँ अनुपम,
अनमोल
रत्न ।
तोँ
साँच थिकेँ,
वा हमर स्वप्न
।
पर जे हो, छेँ
तोँ अति सुन्दर ।
सखि तोहर मुखक तुलना
के कर ।।
“विदेह” पाक्षिक मैथिली इ – पत्रिका, वर्ष – ५, मास – ४९, अंक – ९७, दिनांक – १ जनवरी २०१२ – स्तम्भ ३॰७ मे प्रकाशित ।
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