बनबिलाड़ि आ खटाँसु/खटाँस
(बाल
कविता)
छी “बिलाड़ि” ओ जे मनुक्ख केर,
घऽर - आङ्गन
खरिहान  भेटैछ ।
आ  मनुक्ख 
केर   परिवेशहिमे,
जकर  सभक 
सन्तान  पलैछ ।।*१
आन
बिलाड़ि  जतेक जे  बाँचल,
“बनबिलाड़ि” केर 
नाम  पाबैछ ।
बाध - बोन  जंगल 
आ  झाड़मे,
बनबिलाड़ि  केर  
बास  रहैछ ।।*२
साँझ -
परातहि  घुमैत - घामैत,
बाट - घाट   खरिहान  
भेटैछ ।
छै   बिलाड़िसँ 
पैघ - पुष्ट  ओ,
मोटका भोकना
बिलाड़ि लागैछ ।।
एकरहि  तँऽ  यौ  गाम - घऽरमे,
दोसर   नाम  “खटाँसु”  कहैछ ।
पर  “खटाँसु”  शब्दक   परीधिमे,
आनहु  जन्तुक 
नाँओ  आबैछ ।।*३
तेँ  अर्थक 
फरिछौठ  लेल  किछु,
होअए  उपाए 
से  माँग  करैछ ।
जोड़ि  विशेषण, भिन्न  कएल तेँ,
अपन - अपन  दूनू नाम पबैछ ।।*४
जे  खटाँसु  
“मार्यार”   समूहक,
“बनबिलाड़ि - खटाँसु”    भेलैक ।
अथवा   मांसुक   भक्षण   कारण,
“मांसुभक्षी - खटाँसु”    हेतैक ।।*५
आन  समूहक  जे
  खटाँसु  से,
मांसु  खाइछ,  फलाहार  करैछ
।
तेँ  अप्पन  गुण  केर
अनुसारहि,
“सर्वभक्षी - खटाँसु”    भेलैक ।।*६
संकेत आ किछु
रोचक तथ्य - 
*१ - मैथिलीमे जाहि जन्तुक नाम “बिलाड़ि” अछि से अंग्रेजी
ढर्रा पर “घरैया बिलाड़ि” (DOMESTIC CAT / FERAL CAT) भेल किएक तँऽ ई मनुक्खक घऽर-आङ्गन खरिहान-दलान आदि स्थानहि पर रहैत अछि ।
वस्तुतः बिलाड़िक बेसीतर समय मनुक्खहि केर परिवेशमे बितैत अछि, ओकर बच्चासभ
मनुक्खहि केर परिवेशमे जन्म लैत अछि आ पैघहु होइत अछि । 
*२ - आन बिलाड़िसभ
जे मनुक्खक परिवेशसँ दूर बाध-बोन, जंगल-झाड़ आदिमे रहैत अछि आ जकर बच्चासभ ओही परिवेशमे
जन्मैछ आ पलैछ-बढ़ैछ, तकरासभकेँ मैथिलीमे “बनबिलाड़ि” कहल जाइत अछि । ओ सभ साँझ-परात कहुखन-कहुखन मनुक्खक
परिवेशमे या बाट-घाट पर घुमैत-फिरैत भेटि सकैत अछि पर बेसी काल मनुक्खक परिवेशसँ
दूरहि रहैत अछि । बनबिलाड़ि बिलाड़िक अपेक्षा आकारमे थोड़ेक पैघ होइत अछि ।
*३ - बनबिलाड़िकेँ खटाँसु (उच्चारण - खटाँउस या खटौंस) अथवा खटाँस (कल्याणी कोशमे देल वर्तनीक अनुसार) सेहो कहल जाइत अछि । मुदा एहि शब्दक एकटा समस्या छैक । खटाँसु या खटाँस शब्द बनबिलाड़ि समूहक जन्तुक अतिरिक्त एकटा
आनहु जन्तुक लेल प्रयुक्त होइत अछि जकरा अंग्रेजीमे सीवेट (CIVET) कहल जाइत अछि ।
*४ *५ - आजुक परिस्थितिमे एहि तरहक ओझराएल शब्दकेँ फरिछाएब आ
फरिछाए कऽ परिभाषित करब आवश्यक । तेँ हम समानता ओ
विषमताकेँ देखैत खटाँसु या खटाँसकेँ दू टा व्यापक समूहमे बाँटल अछि । 
*५ - खटाँसु (खटाँस)
केर पहिल समूह भेल “बनबिलाड़ि
खटाँसु (खटाँस)” जे कि ऊपर “बनबिलाड़ि” नामसँ परिभाषित कएल गेल अछि । ई जन्तुसभ बिलाड़ि कुल या मार्यार
कुल (Family - FELIDAE) केर सदस्य अछि ।
ई सभ प्राकृतिक रूपसँ मुख्यतः मांसु केर भक्षण करैछ अर्थात मांसुभक्षी (CARNIVOROUS) होइत अछि । तेँ एकरासभकेँ “मांसुभक्षी खटाँसु (खटाँस)” सेहो कहि सकैत छी ।
*६ - खटाँसु (खटाँस) केर दोसर समूहकेँ हिन्दीमे “गन्धबिलाव” कहल जाइत अछि कारण जे एकर एकरासभमे कस्तुरी सनि सुगन्ह
(सुगन्धि) होइत अछि । तेँ मैथिलीमे  “गन्हबिलाड़ि (या सुगन्हबिलाड़ि) खटाँसु
(खटाँस)” कहि सकैत छी ।
मुदा ध्यातव्य जे “गन्हबिलाड़ि” कोनहु बिलाड़ि
नञि छी आ नहिञे बिलाड़ि
कुल या मार्यार
कुल (Family - FELIDAE) सँ एकर कोनहु
सम्बन्ध अछि । ई जन्तुसभ विवेराइडी कुल
या गन्हबिलाड़ि कुल (Family - VIVERRIDAE) केर सदस्य अछि आ रातिचर होइत अछि । ई सभ प्राकृतिक रूपसँ
मांसु आ संगहि संग फऽल (यथा - आम, चीकू, ताड़कून आदि) ओ घास-पातक भक्षण सेहो करैछ,
मतलब कि ई सब नैसर्गिक रूपेँ सर्वभक्षी (OMNIVOROUS) होइत अछि । तेँ एकरासभकेँ “सर्वभक्षी खटाँसु (खटाँस)” सेहो कहि सकैत छी । बंगालीभाषामे
एकरा "गन्धगोकूल” या "खाटोश” कहल जाइत अछि । 
मैथिलीमे किछु गोटे एहि सर्वभक्षी खटाँसुकेँ "फकसिआर / फकसियार" सेहो कहैत छथि । मुदा कल्याणी कोशकार एहि जन्तुक विषयमे विशेष विवरण नञि दए माात्र WILD ANIMAL कहि छोड़़ि देलन्हि अछि जखनि कि "खाटाँस” केेर अन्तर्गत WILD CAT, POLE CAT आ CIVET केर समावेश कएलन्हि अछि ।
मैथिलीमे किछु गोटे एहि सर्वभक्षी खटाँसुकेँ "फकसिआर / फकसियार" सेहो कहैत छथि । मुदा कल्याणी कोशकार एहि जन्तुक विषयमे विशेष विवरण नञि दए माात्र WILD ANIMAL कहि छोड़़ि देलन्हि अछि जखनि कि "खाटाँस” केेर अन्तर्गत WILD CAT, POLE CAT आ CIVET केर समावेश कएलन्हि अछि ।
मैथिली
पाक्षिक इण्टरनेट पत्रिका “विदेह” केर 210म अंक (15 सितम्बर 2016) (वर्ष 9, मास 105, अंक 210) केर “बालानां कृते” स्तम्भमे प्रकाशित ।
 




 
 
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