श्वसन (बाल कविता)
साँस लेबा - छोड़बाकेर
उपक्रम, छी नञि मात्र “श्वसन” ।
श्वासोच्छवासक
क्रिया कहाबैछ, जकरा बुझी श्वसन
।।
शोषण नञि ई श्वसन
छियै, जे होइछ कोशिका - अन्दर ।
ऑक्सीजन ग्लूकोजक युतिसँ, ऊर्जा दैछ
निरन्तर ।।
हरियर गाछ आ आन
जीवसभ, साँसमे लैछ ऑक्सीजन ।
श्वसन क्रिया उपयोग
करैतछि, इएह लेल ऑक्सीजन ।।
कार्बन-डाइ-ऑक्साइड
बनैतछि, संगमे बहुते ऊर्जा ।
ए॰ टी॰ पी॰ ऊर्जा - भण्डारक, बेर -
बेगरतेँ खर्चा ।।
ओएह ऊर्जा जे रहैछ जिअओने, जीवकेँ एहि धरतीपर ।
ए॰ टी॰ पी॰सभ बान्हि राखैछ,
ऊर्जाकेँ अपना भीतर ।।
ऊर्जाकेर टाका अहँ बुझू,
ए॰ टी॰ पी॰ थिक नाम
।
ऊर्जा दैछ ओ जीव - कायकेँ, यथासमए ओ
ठाम ।।
श्वसन क्रिया छी दुई प्रकारकेर, उपप्रकार पुनि कएटा ।
दुई प्रकार ऑक्सी आ अनॉक्सी, चरण दूनूकेर दूटा ।।
ग्लाइकोलिसिस पहिल चरण छी, दुहुमे करीब समानें ।
दोसर चरणमे बेस फरक छी, तकरे आधृत
नामें ।।
ऑक्सीजन पर्याप्त
रहैछ तँऽ, ऑक्सी श्वसनक प्रक्रम ।
ग्लाइकोलिसिस बाद
घटैतछि, क्रैब-चक्रकेर उपक्रम ।।
ऑक्सी श्वसन छी मुख्य प्रक्रिया, ऊर्जा निकसैछ खूब ।
एखना धरतीपर बेसीतर, श्वसनक इएह
छी रूप ।।
ऑक्सीजनकेर सीमित मात्रा, अन-ऑक्सी लेल न्योंत ।
आकस्मिक विपरीत
समएलेल, किछु कालक छी व्योंत ।।
कोशिकीय ई श्वसन
प्रक्रिया, कोशामध्य घटैछ ।
कार्बन-डाइ-ऑक्साइड
बनैछ जे, जीव साँस
छोड़ैछ ।।
अवशोषित आहार रसक
छी, ऊर्जामे परिवर्तन ।
परिवर्तित ऊर्जासँ जीवन - शक्तिक छी अनुरक्षण ।।
नोट -
·
कोशिका / कोशा / कोश = CELL / BIOLOGICAL CELL (In ENGLISH)
·
श्वासोच्छवास (+निःश्वास) = साँस छोड़ब (+साँस लेब) = To EXHALE (+ To INHALE) = To RESPIRE
/ RESPIRATION
·
किछु अवायवीय
जीवाणुकेँ (ANAEROBIC
BACTERIA) छोड़ि दुनिञाक सभ जीव (चाहे ओ गाछ-बिरिछ होअए
वा जन्तु) श्वसन क्रियामे ऑक्सीजनहिकेर (O2) उपयोग करैत अछि आ ऊर्जाक संग सह उत्पादक (BYPRODUCT) रूपमे कार्बन-डाइ-ऑक्साइड (CO2) दैत अछि ।
20/03/2018 कऽ ई-मेलक माध्यमसँ
मैथिली साहित्य मंच हैदराबाद-सिकन्दराबादसँ प्रकाशित “देसिल बयना” नामक स्मारिकाकेँ प्रकाशनार्थ प्रेषित ।
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