मंगलमय
हो नव वर्ष
मोन पड़ैतछि, आइ नगद आ काल्हि
उधारी ।
हमरा सभकेँ,
लागल किछु एहने बेमारी
।।
हरेक साल – मंगलमय हो नव वर्ष – उचारी ।
विगत् वर्षकेँ, अपना – अपनी,
खूब लतारी ।।
पिछला साल, सेहो स्वागत
छल, एहि नववर्षक ।
आइ पुनः, स्वागत करैत छी, अगिला वर्षक ।।
गओले गीत ओ, पुनि गबैत छी,
अछि लाचारी ।
हरेक साल – मंगलमय हो नव वर्ष – उचारी ।।
विगत् वर्ष, जे छल आगत,
से नञि तत् नीके ।
नव आगत, करी पुनि स्वागत,
होयत सब ठीके।।
जे ने कटल, से कटि
जायत, सब संकट भारी ।
हरेक साल – मंगलमय हो नव वर्ष – उचारी ।।
आबि रहल अछि, एक जनबरी,
नऽव साल छी ।
पुनि होली, नव वर्षक
स्वागत, तेँ बेहाल छी ।।
कहिया–कहिया, कतेक–कतेक, नव वर्ष मनाबी ।
हरेक साल – मंगलमय हो नव वर्ष – उचारी ।।
विगत् वर्ष, कंगाल –
दिगम्बर, बुझले अछि से ।
नवल वर्ष, होयत विश्वम्भर, होइछ भरम से ।।
कर्म करू, तजि सभ आडम्बर, औना - पथारी ।
हरेक साल – मंगलमय हो नव वर्ष – उचारी ।।
28 DEC. 2014 कऽ प्रकाशनार्थ “मिथिला दर्पण” केर सम्पादकीय कार्यालयकेँ प्रेषित ।
मैथिली पाक्षिक
इण्टरनेट पत्रिका “विदेह” केर 193म अंक (01 जनबरी 2016) (वर्ष 9, मास 97, अंक 193) मे प्रकाशित ।
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