विद्यापति : "पाग" पहिरताह कि "मौड़ि / मौर"
विद्यापति युगपुरुष छलाह । ओ समस्त मैथिलक छलाह ।
जे पाग पहिरय छथि ओ निश्चित रूपेँ पाग पहिरा कऽ हुनिका सम्मान देथिन्ह आ जे मौड़ि पहिरय छथि से मौड़ि पहिरा कऽ । एहि मे विवादक कोन गप्प ।
अपना ओहि ठाम सीताजी सीधा पल्ला साड़ी मे देखाओल जाइत छथि आ महाराष्ट्र मे ढेका वला साड़ी मे - एहि सँ हुनक कोनो अपमान तँ नञि भऽ जाइत छन्हि । ............. उत्तर भारत मे भगवान शिव केँ मोछ नञि रहैत छन्हि आ दक्षिण भारत मे मोछ ऊगि जाइत छन्हि ।
जे विद्यापति समन्वयात्मक स्वभावक छलाह आ लिखैत छथि
"भल हर भल हरि भल तुअ कला ।
खन पितवसन खनहि बघछला ।।"
से कि "पाग" आ "मौड़ि" लेल मारि करताह ? जे प्रेमपुर्वक सम्मान सँ देबन्हि से पहिरताह ।
पाग सेहो मैथिले पहिरैत अछि आ मौड़ि सेहो मैथिले । आ विद्यापति समस्त मैथिलक थिकाह तँ हुनिका दुनु मे सँ कोनो सँ परहेज किए रहतन्हि ।
जँ दुनु मे सँ किछु नञि भेटतन्हि तँ मुरेट्ठो बान्हि कऽ चलि देताह ।
शुभमस्तु ।
दक्षिण भारत में Jesus Christ के धोती आ मरियम के साड़ी सेहो पहिराओल जायछै ।
ReplyDeleteहाल ही आएल तेलुगु सिनेमा, श्रीरामराज्यम में सीता के ढेकुआ बला साड़ी पहिराओल गेल छल । आ पुरा सिनेमा में सीता जीक माथ पर अंचड़ा कतौ नञिं सुझत ।
जपान में बुद्ध भगवानक मूर्ती में हुनक चेहरा चपता (जपानी जकां) बनाओल जायछै ।
एकदम सही कहल ।
Deleteजपानक बुद्ध आ भारतक बुद्ध एक होइतहुँ --- कोनहु स्वरूपेँ एक नञि बुझना जयताह --- पर आस्थानुसारेँ एक्कहि छथि ।
कए टा चर्च सभ में jesus Christ के पद्मासन में बैसल आ हांथि उठा क आशिर्वाद दैत (हिन्दू देवता जकां) सेहो देखाओल गेल छै ।
ReplyDeleteबहुत नीक - नीक उदाहरण राखल विकासजी अहाँ ।
Deleteबहुत बहुत धन्यवाद ।