पूणा प्रवास – (३)१
बरष दू हजार एक ।२
मिथिला सञो पूनाक,
प्रवास शुरू
भेल ।।
दरिभंगा नञि, पटना सँ,
पकड़ल जे रेल ।
पूना – कल्याण
नञि,
कुर्ला धरि गेल ।
कुर्ला सञो भी॰टी॰
वा,
दादर, कल्याण
जा,
बऽस - ट्रेन भेटल, से
पूना धरि गेल ।।
बरष दू हजार एक,३
सुन्नर समाद भेटल ।
दरिभंगा सञो पूना,
सप्ताहिक ट्रेन चलल ।
टिकट कटओलहुँ झट,
पूजा आ छठि छल ।
चढ़लहुँ जे पूना मे,
दरिभंगे डेग उठल ।।
तकर बाद कहियो
ने,
ओहि ट्रेनक संग भेल ।
आर॰ए॰सी॰ – वेटिंग की,
नो – रूमक ढंग भेल
।
कुर्ला – कल्याण भाया,
फेरो प्रवास
रहल ।
ट्रेनक आवृत्ति बढ़ओ,
मोन मे से आश छल ।।४
बरष दू हजार
तीन,५
फेरो एक बजट – रेल ।
पटना सञो पूना
लए,
एक नऽव ट्रेन
देल ।
चमचमाइत डिब्बा सभ,
बड़ नीक लगैत छल ।
नवकनिञा सनि सजलि,
मोन केँ हरैत छल
।।
आइ दू हजार
बारह,
देखल कतोक खेल ।
पटना सप्ताहिक सँ,
दैनिक भए गेल ।
एक्सप्रेस रहए
तहिया,
सुपर - फास्ट भेल ।
“तीन” सञो प्रवास केर,
साधन इएह
भेल ।।
नीक बात पटना,
बनल अति – तेज६ ।
मुदा किए दरिभंगा,
रहल बकलेल ?
भरि दिनक जतरा कऽ,
पटना पहुँचलहुँ हम ।
पटना सञो पूना
केर,
बाट आब धएलहुँ हम
।।
पटनाक ट्रेन
केँ,
ई की भए गेल
छल ?
नवकनिञा असमय मे,
बुढ़िया बनि गेल छल ।
सेकेण्ड नञि, थर्ड हैण्ड,
रिपेयर सेट बॉगी छल ।
पुछबा पर बूझल,
कलकत्ताक लॉबी छल ।।
बीझ लागल लोहाक,
चिप्पी सभ साटल छल ।
किछु तँ अपर – बर्थ,
ढेकी सनि लागल छल ।
खएबा लए डेस्क होइछ,
सेहो बिलायल
छल ।
बाहर सञो डिब्बा धरि,
राँगल - पोतयल छल ।।
रतुका समय बेस,
निन्न बड्ड लागल छल
।
अपरबर्थ - बत्ती
तेँ,
माथहि पर टाँगल छल ।
स्वीचक गुलामी
सँ,
ओहो स्वतन्त्र
छल ।७
राति भरि आँखि
पर,
दिनकर प्रचण्ड छल ।।
मोन पड़ल एहने
सनि,
पहिनहु किछु भेल छल ।
गंगासागर गाड़ीक,
डिब्बा बदलाएल छल ।
इण्टरसिटीक सेहो,
एहने किछु बात छल ।
कहिया धरि मिथिला –
बिहारक ई हाल रहत ??
अर्थोपलब्धि संकेत :-
१ =
“पूना प्रवास (१) आ (२)”
नामक हमर कविता सभ विदेहक पुर्व अंक ( वर्ष – ४, मास – ४७, अंक – ९४, दिनांक - १५ नवम्बर २०११, स्तम्भ ३॰७ मे ) मे छपि चुकल अछि
।
२
= २००१ ई॰, जकर मई – जून मे (BAMS हेतु नाँव लिखएबाक लेल) हम पहिल बेर पूना
गेल रही । तहि समय मे बिहार सँ पूनाक लेल रेलगाड़ीक कोनो सीधा सम्पर्क नञि छल । “पटना कुर्ला
एक्सप्रेस” आ “पटना कुर्ला सुपर फास्ट एक्सप्रेस” छल जाहि मे सँ पहिल कल्याण जं॰ पर रुकैत
छल आ दोसर नञि । कुर्ला टर्मिनस सँ पूनाक लेल कोनो रेलगाड़ी नञि छल । पूनाक लेल
रेलगाड़ी भी॰टी॰/वी॰टी॰ (वर्तमान सी॰एस॰टी॰), दादर, थाना
वा कल्याण सँ भेटैत छल।
३
= २००१ ई॰क शीतकालीन विशेष उद्घोषणा मे “दरभंगा पूणा एक्सप्रेस” ओही सालक अक्टूबर – नवम्बर सँ देल गेल
।
४
= कोनहु रेलगाड़ीक लेल “नो-रूम”
(No Room / Regret) भेटबाक मतलब छै कि ओहि मे प्रतिक्षा
श्रेणी (Waiting Class) धरिक टिकट उपलब्ध नञि थिक । माने कि ओहि
ट्रेनक माँग वा यात्रीक संख्या बहुत बेशी थिक अर्थात् ओहि रेलगाड़ीक आवृत्ति (Frequency) बढ़ाओल जयबाक चाही । पे दुर्भाग्य सँ आइयो स्थिति सएह अछि पर एहि
रेलगाड़ी आवृत्ति नहु बढ़ाओल जा रहल अछि । सम्सत मिथिलांचलक लोक दिन भरिक समय
व्यर्थ गमाए, पटना आबि ट्रेन पकड़बाक लेल विवश कएल गेल छथि ।
५
= २००३ ई॰ , जहिया “पटना पूणा एक्सप्रेस” ट्रेन देल गेल । पहिने ई गाड़ी “एक्सप्रेस” जे कि बाद मे “सुपर फास्ट
एक्सप्रेस” कएल गेल । पहिने ई “सप्ताहिक” छल जे कि बाद मे
क्रमशः “दू-दिना”, “तीन-दिना”, “चारि-दिना” आ अन्ततः “दैनिक” कऽ देल गेल ।
६
= “अति-तेज” माने “सुपर-फास्ट” । एहि ठाम सन्दर्भतः सांकेतिक रूपेँ “दैनिक” होयबाक परिचायक
सेहो ।
७
= माथ पर लागल “ट्युब-लाइट” जरिते रहैत छल । “स्वीच” केँ दबला सँ
मिझाइत नञि छल ।
“विदेह” पाक्षिक
मैथिली इ – पत्रिका, वर्ष –५, मास –५५, अंक –११३ , ०१ सितम्बर
२०१२ मे प्रकाशित ।