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मिथिलाक पर्यायी नाँवसभ

मिथिलाभाषाक (मैथिलीक) बोलीसभ

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Sunday, 15 April 2018

होली आ जुड़ि शीतल

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                                होली आ जुड़ि शीतल

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फागुनक अन्तिम दिन "सम्मत" जड़ाओल (होलिका दहन) जाइत अछि । चैतक पहिल दिन "फागु/फगुआ/होली/होरी" खेलल जाइत अछि ।

तहिना चैतक अन्तिम दिन "सतुआनि पाबनि (उच्चारण - सतुआइन पाबैन)" होइत अछि । बैशाखक पहिल दिन "जुड़ि शीतल (उच्चारण - जुइड़ शीतल या जूड़ शीतल) / बसिया पाबनि (उच्चारण - बसिया पाबैन) / धुरिखेल / धुरखेल / धुलिखेल मनाओल जाइत अछि ।

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फागुनक अन्तिम दिन = "सम्मत" जड़ाओल (होलिका दहन) जाइत अछि ।

चैतक पहिल दिन = "फागु / फगुआ / होली / होरी" खेलल जाइत अछि ।

चैतक अन्तिम दिन = "सतुआनि (उच्चारण - सतुआइन) पाबनि" होइत अछि ।

बैशाखक पहिल दिन = "जुड़ि शीतल (उच्चारण - जुइड़ शीतल या जूड़ शीतल) / बसिया पाबनि (उच्चारण - बसिया पाबैन) / धुरिखेल / धुरखेल / धुलिखेल" होइत अछि ।

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मिथिलामे मास (चान्द्रमास) निर्धारण = विक्रम संवत अनुसारेँ, नञि कि शक संवत अनुसारेँ = चन्द्रमाक गतिक अनुसारेँ

संक्रांति (उच्चारण - सँकरांइत) आदिक निर्धारण = सुर्यक गतिक अनुसारेँ

मसादि = मासादि = मास + आदि = मासक प्रारम्भ = मासक पहिल दिन

मसान्त = मासान्त = मास + अन्त = मासक अन्त = मासक अन्तिम दिन

चन्द्र वर्ष आ सौर वर्षमे तालमेल बैसएबाक लेल "मलेमास" आदिक कल्पना ।

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विक्रम संवत अनुसारेँ, सालक पहिल मास = चैत

विक्रम संवत अनुसारेँ, सालक अंतिम मास = फागुन

विक्रम संवत अनुसारेँ, सालक पहिल पाबनि = फगुआ / होली /होरी

विक्रम संवत अनुसारेँ, सालक अंतिम पाबनि = सम्मत/ होलिका दहन

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मिथिलाब्द / लक्ष्मण संवत अनुसारेँ, सालक पहिल मास = बैशाख

मिथिलाब्द / लक्ष्मण संवत अनुसारेँ, सालक अंतिम मास = चैत

मिथिलाब्द / लक्ष्मण संवत अनुसारेँ, सालक पहिल पाबनि = जुड़ि / (जुइड़ / जूड़) शीतल / बसिया पाबनि / धुरिखेल / धुरखेल / धुलिखेल

मिथिलाब्द / लक्ष्मण संवत अनुसारेँ, सालक अंतिम पाबनि = सतुआनि / सतुआइन

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