हे मधेपुरा केर ईञ्जन (कविता)
हे
मधेपुरा केर ईञ्जन !
भेलौ तोहर बड़
गञ्जन ।
पर चुनावसँ
पहिने हर बेर, तोहर बड़ अभिनन्दन ।।
हे मिथिला
क्षेत्र मनोहर !
मिथिलाभाषा छै
सुन्नर ।
पाँच बरख बड़
व्यस्त रही, तेँ आइ करी तोर वन्दन ।।
लागैए उद्योग
कतेको ।
बनलैए योजना
अनेको ।
चिन्ता जुनि हो,
बाद चुनावक, मिथिलाकेँ देब कंगन ।।
पूरा ई देश
अँहीं केर ।
पूरा ई राज्य
अँहीं केर ।
ज्ञान धैर्य
केर प्रतिमुर्ती, मिथिलाक लेल किए क्रन्दन ।।
30 JULY 2015
कऽ “समय साल” आ तत्पश्चात् (समय साल पत्रिकाक प्रकाशन बन्न होयबाक कारण)
07 AUG. 2015 कऽ प्रकाशनार्थ “मिथिला दर्पण” केर सम्पादकीय
कार्यालयकेँ प्रेषित ।
- डॉ॰
शशिधर कुमर “विदेह”
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