।। स्व. अटल बिहारी वाजपेयीजी - एकटा मैथिलक सादर, विनम्र श्रद्धांजलि ।।
छलाह मंत्री - प्रधान, बात अपना जगह ।
राजसम्मान - मान - दान, अपना जगह ।
हम छी मैथिल, हमर मनमे हुनिकर स्थान,
राजनीतिसँ अलग, थीक अपना जगह ।।
दल - खेमा - विपक्ष - पक्ष, अपना जगह ।
छाप छोड़ल स्पष्ट नीक, अपना जगह ।
हम छी मैथिली अकिञ्चन, हमर नोरपर,
ध्यान देलन्हि, से बात दीव, अपना जगह ।।
भेलै सौंसे बिकास साँच, अपना जगह ।
तकनीकीक बताह नाँच, अपना जगह ।
हम छी मिथिला, आँचरक फाटल नुआ,
सीबि देलन्हि ओ, भाव से, अपना जगह ।।
- डॉ. शशिधर कुमर "विदेह"
अकिञ्चन मैथिलीक नोर पोछब |
मिथिलाक फाटल आँचरकेँ सिअब (सिउब) |
"विदेह - मैथिली पाक्षिक ई पत्रिका" केँ आगामी अंकमे एहि कविताक प्रकाशनक अधिकार प्रदत्त ।