Pages

मिथिलाक पर्यायी नाँवसभ

मिथिलाभाषाक (मैथिलीक) बोलीसभ

Powered By Blogger

Wednesday 11 January 2017

पद्य - ‍२‍१९ - बाबू साहेब चौधरी


बाबू साहेब चौधरी








।। ०१ ।।

बाबू साहेब चौधरी ।
के छलाह ? ……………….. हम नञि चिन्हैत छी ।
यौ ! अहींक गाम - पंचायतक छलाह ।
……………….. हम नञि चिन्हैत छी ।
यौ ! ब्राह्मणहि छलाह ओहो ।
……………….. हम नञि चिन्हैत छी ।
आश्चर्य ! बड़ पैघ आश्चर्य !!
अहाँ हुनिका नञि चिन्हैत छी !!

।। ०२ ।।

हाँ ! हम चिन्हैत छी ।
हम चिन्हैत छी — मैथिलीक अभियानीकेँ ।
हम चिन्हैत छी — मिथिलाक सेनानीकेँ ।
हाँ ! हम चिन्हैत छी — नेनपनहिसँ चिन्हैत छी ।
साक्षात नञि देखल, मुदा काजहिसँ चिन्हैत छी ।

।। ०३ ।।

हाँ ! हम जानैत छी ।
हम जानैत छी,
मिथिलाक ओहि सशक्त व्यक्तित्वकेँ ।
मैथिलीक ओहि सशक्त हस्ताक्षरकेँ ।
मैथिलीक अमर प्रकाश पुञ्जकेँ ।
मिथिलाक अडिग दृढ़ स्तम्भकेँ ।

।। ०४ ।।

हम चिन्हैत छी ।
हाँ ! हम हुनिका चिन्हैत छी ।
जे समस्त मिथिलाक रहथि ।
प्रेरणाक श्रोत रहथि,
हमरा लेल, हमर बाप - पित्तीक लेल ।
आ हमरहि सनि, आनहु समस्त मैथिली प्रेमीक लेल ।
सनस्त मैथिलक लेल ।
समस्त मिथिलाक लेल ।।

।। ०५ ।।

मिथिलाभाषा ।
मिथिलाक जन - जन केर भाषा ।
मिथिलाक जड़ि - चेतन केर भाषा ।
मिथिलाक हर जाति - धर्म केर भाषा ।
मिथिलाक बारहो वर्ण केर भाषा ।
आ ताहि भाषा लेल जिनगी अर्पित कएनिहार,
बाबू साहेब चौधरी ।
कोना नञि चिन्हबन्हि हुनिका ।
किएक नञि चिन्हबन्हि हुनिका ।।


अखिल भारतीय मिथिला संघ कोलकाताक सहयोगसँ दुलारपुरमे (रुचौल-दुलारपुर) ०८ जनबरी २०१७ कऽ आयोजित बाबू साहेब चौधरी जन्म शताब्दी समारोहक कवि सम्मेलनमे पठित ।


मैथिली पाक्षिक इण्टरनेट पत्रिका विदेह केर ‍218म अंक (‍15 फरबरी 2017) (वर्ष 10, मास 109, अंक ‍218) केर पद्य स्तम्भमे प्रकाशित ।


No comments:

Post a Comment